Rajasthan Roadways: राजस्थान रोडवेज ने दिवाली से पहले 10 और 11 नवंबर को लगातार 3 दिनों में 13 लाख किलोमीटर से अधिक बस संचालन किया है. बसों की संख्या कम होने के बावजूद भी इस बार अधिक संचालन किया गया है. अनुबंधित बसों को भी मिला लिया जाए तो रोडवेज द्वारा अधिकतम 3500 बसें ही संचालित हो पाती हैं. इनमें रोडवेज के बेड़े में खुद की बसें करीब 2500 हैं, जबकि अनुबंधित बसों की संख्या करीब 1 हजार है. 


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आमतौर पर रोडवेज के बेड़े में 4500 बसें
जबकि आमतौर पर रोडवेज के बेड़े में 4500 बसें रहती हैं. 1000 बसें कम होने के बावजूद इस बार प्रशासन ने अधिक बस संचालन किया है. इसका असर न केवल रोडवेज प्रशासन के पास बढ़ी हुई आय के रूप में दिखा है, साथ ही अधिक संख्या में यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने का काम किया है. रोडवेज के प्रबंध निदेशक नथमल डिडेल ने रोजाना इसके लिए मॉनिटरिंग की और सभी मुख्य प्रबंधकों से समन्वय बनाए रखा.


यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया
रोडवेज प्रशासन ने इस बार दिवाली के 4 दिनों में 23 लाख से अधिक यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने का कार्य किया है. धनतेरस के दिन 7 लाख 81 हजार यात्रियों ने यात्रा की थी. इसके बाद छोटी दिवाली के दिन 7 लाख 16 हजार यात्रियों ने यात्रा की. वहीं दिवाली के दिन 12 नवंबर को 5 लाख 35 हजार यात्रियों ने रोडवेज बसों में सफर किया. 13 नवंबर को अमावस्या के दिन बसों में यात्रियों की संख्या कम रही. 


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करोड़ों रुपए की आय
इसी के साथ 10 नवंबर को सर्वाधिक 5.59 करोड़ रुपए, 11 नवंबर को 5.56 करोड़ रुपए और 12 नवंबर दिवाली के दिन 4.26 करोड़ रुपए की आय हुई है. पिछले साल की तुलना में इस साल रोडवेज की बसों में दीवाली के दिन 27825 अधिक यात्रियों ने सफर किया. इसके चलते रोडवेज को 76 लाख 4 हजार 464 रुपए का अधिक राजस्व प्राप्त हुआ. कुलमिलाकर रोडवेज प्रशासन के सार्थक प्रयासों से त्यौहार पर यात्री अपने घर पहुंचने में सफल रहे. अब इसी तरह यात्रियों की वापसी के लिए भी रोडवेज प्रशासन को अतिरिक्त प्रयास करने होंगे.