Jaipur: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि विधायकों की भी पीड़ा होगी जो महसूस करते होंगे.आज के दिन राज्यपाल और विधायक काफी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. आप उस राज्य के राज्यपाल हैं जिनकी सरकार दिल्ली में नहीं है तो आप सॉफ्ट टारगेट हैं. एक तरीके से आप पर कुछ भी आरोप लग सकता है. आपको पार्टी का एजेंट कहा जा सकता है. केंद्र की डायरेक्शन को पूरा करने का एजेंट भी कहा जा सकता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह भी पढ़ें: निर्दलीय विधायक ने सदन में क्यों कहा- आखिरी सांस तक नेहरू परिवार की गुलामी करूंगा, जानिए


शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में विधायकों के सम्मान कार्यक्रम के मौके पर मौजूद पं. बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री और राज्यपाल कैसे लड़ सकते हैं? मुझे काफी दुख होता है. मेरा अथक प्रयास रहा है और आगे भी रहेगा कि राज्यपाल की हैसियत से मेरा प्रमुख दायित्व है कि मैं सरकार की मदद करूं. कंधे से कंधा मिलाकर सरकार का सहयोग करूं पर एक हाथ से काम संभव नहीं है. जो हालात देख रहा हूं वो चिंता का विषय है.


मुख्यमंत्री की हैसियत डेमोक्रेसी में बहुत बड़ी होती है. उसके पीछे जनता चलती है. हमारे मुख्यमंत्री के साथ संबंध भाई बहन के काफी गहराई के हैं. यह कोई नहीं जानता होगा. राज्यपाल कटघरे में होता है. उसको मीडिया तक का सपोर्ट नहीं मिल पाता है. ढाई साल तक मेरे पास किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई. यह काफी चिंता का विषय है. काफी दुखद होता है. स्टेट फाइनेंस कमिशन का एक ही काम होता है कि वह रिपोर्ट दें ताकि तरीके से धन का बंटवारा हो सके और उनका दूसरा काम है कि राज्यपाल को रिपोर्ट दें ताकि लोकल स्तर पर धन का बंटवारा तरीके से हो सके. रिपोर्ट मेरे पास आई ही नहीं. मीडिया क्या चलाती है? राज्यपाल मुख्यमंत्री से टक्कर ले रहा है? ये हो क्या रहा है? राज्यपाल का पद संवैधानिक होता है. उसको कोई और काम नहीं देना चाहिये .सिर्फ संविधान का होना चाहिये.