पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल-डीजल आपूर्ति गड़बड़ाने का मामला, ग्रामीण क्षेत्रों में गहराया संकट
पंपों में `डीजल नहीं है` की सूचना से किसान परेशान हो गए हैं क्योंकि मानसून करीब है और उन्हें खेती-किसानी के लिए ट्रैक्टर में बड़े पैमाने पर डीजल चाहिए. इस वजह से बुआई से पहले खेत तैयार करने का काम भी संकट में आ गया है.
Jaipur: मानसून से ठीक पहले पेट्रोल-डीजल का संकट गहरा रहा है. एस्सार और रिलायंस पेट्रोल पंप पर ताले लग गए है तो बीपीसी और एसपीएल के पंपों पर तेल कंपनियां डिमांड के अनुपात में तीस फीसदी ही आपूर्ति कर पा रही हैं.
पंपों में 'डीजल नहीं है' की सूचना से किसान परेशान हो गए हैं क्योंकि मानसून करीब है और उन्हें खेती-किसानी के लिए ट्रैक्टर में बड़े पैमाने पर डीजल चाहिए. इस वजह से बुआई से पहले खेत तैयार करने का काम भी संकट में आ गया है हालांकि राहत की बात यह है कि शहरों में तेल कंपनियों ने सप्लाई बढ़ा दी है लेकिन शहरों से दूर हाइवे पर पेट्रोल पंपों पर किल्लत की बात सामने आ रही है.
यह भी पढे़ं- अग्निवीर योजना सेना और युवाओं के साथ खिलवाड़, सरकार ले इसको वापस : सचिन पायलट
दरअसल प्रदेश भर के पेट्रोल पंपों में पेट्रोलियम पदार्थों की किल्लत होने के बाद खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग हरकत में आया और सभी तेल कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की. बैठक में एचपीसीएल और बीपीसीएल के अफसरों ने बताया कि पहले से ज्यादा डिमांड बढ रही हैं. एस्सार और रिलायंस के पेट्रोल पंप बंद होने से करीब 15 फीसदी का भार सरकारी तेल कंपनियों पर आ गया हैं. उधर किसानों को इसलिए आशंकित कर दिया है क्योंकि खेती मानसून के आगमन के साथ जोर पकड़ लेती है. पहली बारिश के बाद यहां खेतों की जोताई होती है. दोबारा जोताई के बाद बोआई की जाती है. खेत बनाने के ये सारे काम बिना ट्रैक्टर के नहीं हो रहे हैं. डीजल नहीं मिलने से ट्रैक्टर खड़े हो जाएंगे.
प्रतिदिन बड़े पैमाने पर डीजल गाड़ियों का उपयोग होता
जानकारों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ी हैं. कंपनियों को तेल बेचने घाटा उठाना पड़ रहा है क्योंकि केंद्र महंगाई के चलते कीमतों में बढ़ोत्तरी नहीं होने दे रही. घाटे को कम करने कंपनियों ने सप्लाई कम कर दी है. तेल कंपनियों के अधिकारियों ने खाद्य सचिव आशुतोष एटी को तर्क दिया कि प्राइवेट फैक्ट्रियां के साथ सरकारी और अर्धशासकीय एजेंसियों में प्रतिदिन बड़े पैमाने पर डीजल गाड़ियों का उपयोग होता है.
वे तेल कंपनियों के डिपो से अब तक तेल खरीदती हैं. कच्चे तेल की कीमत बढने से पेट्रोलियम मंत्रालय ने बल्क खरीदी पर कीमतों में 25 रूपए की बढ़ोतरी कर दी हैं. अब कई निजी कंपनियों और सरकारी कार्यालयों ने पंपों से डीजल खरीदना शुरू कर दिया हैं. इसकी वजह से पंपों डीलर्स की डिमांड बढ़ गई है.
यह भी पढे़ं- राजस्थान में मौसम मेहरबान, झोंकेदार हवाओं के साथ इन जिलों में झमाझम बारिश का यलो अलर्ट जारी
अपने जिले की खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.