राजस्थानियों को लेकर लोगों के मन में रहती हैं ये 15 गलतफहमियां
Rajasthan News: ज्यादातर लोग राजस्थान को शानदार किलों और महलों, हर तरफ ऊंटों, पगड़ी पहने पुरुषों और घूंघट में महिलाओं और बड़े रेगिस्तानी भूमि के रूप में देखते हैं लेकिन जो कुछ माना जाता है वह सच नहीं होता. ऐसे में आज हम आपको 15 ऐसी गलतफहमियां जो राजस्थानियों को लेकर लोगों के मन में रहती हैं.
हर राजस्थानी ने रेगिस्तान नहीं देखा है
चारों ओर रेत के टीलों की ओर भागना कितना अच्छा लगता है? फिल्मों में दिखाए गए राजस्थान के साथ, लोगों को उम्मीद है कि रेगिस्तान कुछ ऐसा होगा जिसे हर राजस्थानी ने देखा होगा, लेकिन रेगिस्तान मुख्यतः बाड़मेर, जैसलमेर और बीकानेर जिलों में है.
पिताजी की बड़ी-बड़ी मूंछें
ऐसा नहीं है. हर इंसान की बड़ी-बड़ी मूंछें नहीं हैं, न ही वह पगड़ी पहनते हैं और न ही हर समय अपने साथ तलवार रखते हैं.
मारवाड़ी बोलनी आती होगी
सभी राजस्थानी मारवाड़ी नहीं बोलते हैं. दरअसल, कई लोग तो मारवाड़ी भाषा भी ठीक से नहीं समझ पाते और सामान्य हिंदी बोलते हैं. इसके अलावा, राजस्थान में कई अन्य क्षेत्रीय भाषाएं बोली जाती हैं, जैसे मेवाड़ में मेवाड़ी और शेखावाटी क्षेत्र में शेखावाटी. 'खम्मा घानी' एक ऐसा शब्द है, जिसे सभी जानते हैं.
ऊंट
नहीं, हर जगह ऊंट नहीं है. ऊंट की सवारी केवल आमेर किले जैसे दर्शनीय स्थलों या जैसलमेर और अन्य रेगिस्तानी क्षेत्रों में ऊंट सफारी होती है.
शादी जल्दी कर देनी चाहिए
ऐसा नहीं है. हर राजस्थानी घर में 'बालिका वधू' नहीं होता है. लोग अपनी शिक्षा पूरी करने, अपने-अपने करियर में स्थापित होने और फिर शादी के बारे में सोचते हैं.
लाल मिर्च
राजस्थानियों को मसालेदार भोजन पसंद है, लेकिन उन लोग मीठा खाने का भी शौक है, ऐसे में घेवर, फीणी, रसगुल्ला, गुजिया और जलेबी जैसे मिठाई खाई जाती है.
राजस्थान की महिलाएं पारंपरिक संस्कारी बहू हैं
ऐसा नहीं है. राजस्थानी महिलाएं बेहतरीन इंजीनियर, वैज्ञानिक, अधिकारी, चार्टर्ड अकाउंटेंट, लेखक और यहां तक कि वीनू पालीवाल जैसे प्रमुख बाइक सवार भी हैं.
हवेली कितनी बड़ी है?
राजस्थान में रहने वाले सभी राजपूतों के पास हवेलियां नहीं हैं और वे शाही परिवार की तरह नहीं रहते. उनमें से अधिकांश नियमित आकार के घरों में रहते हैं, न कि खूबसूरती से सजी हवेलियों में.
राजस्थान में हर कोई राजपूत नहीं है और किसी शाही परिवार से नहीं है
राजस्थान बहादुर राजपूत शासकों की भूमि है लेकिन हर कोई राजपूत नहीं है और हर कोई किसी शाही परिवार का वंशज नहीं है.
राजस्थान में भी बारिश होती है
राजस्थान का मतलब सिर्फ सुपर-हॉट होना ही नहीं है. यहां सभी तीन मौसमों का अनुभव करते हैं, जिनमें चिलचिलाती गर्मी से जूझना पड़ता है, मानसून के समय बारिश की फुहारों का आनंद लेते हैं और सर्दियां में कंबलों में छिपना पसंद करते हैं.
हर महिला घाघरा चोली में और हर पुरुष धोती और पगड़ी में नजर आता है.
राजस्थान के पिछड़े गांवों में वृद्ध लोगों को पारंपरिक घाघरा चोली, धोती और पगड़ी पहने देखा जा सकता है. बाकी इलाकों में लोग जींस जैसी सामान्य पोशाक पहनते हैं.
राजस्थान के पास पानी नहीं है
राजस्थान में पानी है. राजस्थान में झीलों का शहर उदयपुर है, जो अपनी खूबसूरत झीलों और जलस्रोतों के लिए जाना जाता है. कुछ हिस्सों में थोड़ी पानी की कमी है.
दाल-बाटी-चूरमा
दाल-बाटी-चूरमा राजस्थान की खासियत है लेकिन यह ऐसी चीज नहीं है जिसे हम रोज खाते हैं. मूल भोजन-सामान्य चपाती, चावल, सब्जियां और फास्ट फूड भी है.
तू पक्का मारवाड़ी है!
मारवाड़ी मारवाड़ क्षेत्र के व्यापारियों का एक भारतीय जातीय समूह है. केवल मारवाड़ क्षेत्र (बाड़मेर, जालौर, लक्ष्मण नगर, नागौर, जोधपुर और पाली क्षेत्र) से संबंधित लोगों को मारवाड़ी के रूप में संबोधित किया जा सकता है.
राजस्थान मतलब रेगिस्तान
राजस्थान का थार रेगिस्तान दुनियां का 17वां सबसे बड़ा रेगिस्तान है. रेगिस्तान भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमा को चिह्नित करता है और राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और पंजाब राज्यों के साथ चलता है. हालांकि जैसलमेर और बीकानेर दो शहर बिल्कुल रेगिस्तानी क्षेत्र में आते हैं, लेकिन पूरा राजस्थान रेगिस्तान नहीं है. बाकी भागों में गहरी हरियाली है.