देश में राजस्थान में सबसे ज्यादा हुई बारिश, टूटा 13 साल का रिकॉर्ड

Rajasthan Rain: राजस्थान में मानसून ने इस साल पिछले 13 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. राजस्थान में इस बार औसत से ज्यादा बारिश हुई है. प्रतिवर्ष मानसून में बाढ़ का कहर झेलने वाले बिहार और अरूणाचल से ज्यादा बारिश राजस्थान में हुई है. इस बार प्रदेश में अब तक 699.3 एमएम बारिश हुई है. अभी दो सप्ताह तक बारिश होने की और संभावना है.

अमन सिंह Sat, 21 Sep 2024-3:40 pm,
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राजस्थान में मानसून

राजस्थान में मानसून ने इस साल पिछले 13 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. राजस्थान में इस बार औसत से ज्यादा बारिश हुई है. प्रतिवर्ष मानसून में बाढ़ का कहर झेलने वाले बिहार और अरूणाचल से ज्यादा बारिश राजस्थान में हुई है. इस बार प्रदेश में अब तक 699.3 एमएम बारिश हुई है. अभी दो सप्ताह तक बारिश होने की और संभावना है.

 

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पूर्वोत्तर के राज्यों से राजस्थान आगे

मौसम विभाग के मुताबिक राजस्थान में इस साल 25 जून को मानसून ने प्रवेश किया. 25 जून से 17 सितंबर तक यानी 85 दिन में से 58 दिन तक मानसून सक्रिय रहा. इस दौरान औसत से ज्यादा बारिश हुई. मौसम विभाग के अनुसार इस बार बिहार, अरूणाचल प्रदेश, असम सहित कई राज्यों में औसत से कम बारिश हुई.

 

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राजस्थान के 392 बांध ओवरफ्लो

ज्यादा बारिश के कारण प्रदेश के छोटे-बड़े 691 बांधों में से 392 बांध ओवरफ्लो हुए हैं. वहीं 192 बांध आंशिक रूप से भरे हैं. शेष बांध अब भी खाली हैं. जो बांध नहीं भरे उसका कारण यह है कि बांधों के आस-पास बस्तियां बस गई हैं, बांधों में पानी पहुंचने का रास्ता नहीं रहा है.

 

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कई बांधों के गेट खुले

प्रदेश के सभी 691 बांधों में पानी की भराव क्षमता 12 हजार 900.83 मिलियन क्यूबिक मिटर है, जिसमें से 11 हजार 110.87 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी का स्टोरेज हो चुका है. यह कुल क्षमता का 72.80 फीसदी है. तेज बारिश के कारण प्रदेश के 57 फीसदी से ज्यादा बांध छलक गए. जिसके बाद बांधों के गेट खोलकर पानी निकालना पड़ा है.

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58 दिन मानसून रहा सक्रिय

जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा का कहना है कि मानसून ट्रफ लाइन का लंबे समय तक सामान्य स्थिति में रहना अच्छी बारिश का प्रमुख कारण है. ट्रफ लाइन ज्यादा समय तक न उत्तर दिशा में और न ही दक्षिण दिशा में शिफ्ट हुई. यही कारण रहा कि राजस्थान में प्रवेश करने के बाद से मानसून सितंबर के दूसरे सप्ताह तक सक्रिय रहा है. 

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फसलों को हो सकता है नुकसान

तेज बारिश के कारण खरीफ की फसल को इस बार नुकसान हो सकता है. पिछले साल खरीब का रकबा पूरे प्रदेश में 163 लाख हेक्टेयर था, जो इस बार 159.80 लाख हेक्टेयर का ही रह गया है. आगामी रबी की फसल पर औसत से ज्यादा बारिश का लाभ देखने को मिल सकता है.

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