4 दिन बाद पैतृक गांव पहुंचा शहीद गिर्राज का पार्थिव शरीर, बेसुध बेटा-बेटी बोले- एक बार बात करो पापा

Bansur, Jaipur News: अरूणाचल प्रदेश के चाइना बॉर्डर पर बलवा पोस्ट पर तैनात 5 ग्रेडिनियर बटालियन में सूबेदार के पद पर तैनात बानसूर के गिर्राज प्रसाद यादव (46) 4 अप्रैल को ड्यूटी के दौरान अचानक मौत हो गई थी. आज चार दिन बाद रविवार सुबह पार्थिव देह पैतृक गांव माजरा अहीर पहुंचीं, जहां तिरंगा यात्रा के घर पहुंचने पर पिता की पार्थिव देह को देखकर बेटा शोहित यादव बेसुध हो गया.

अमित यादव Apr 08, 2024, 14:23 PM IST
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सूबेदार को सेना के जवानों ने अंतिम सलामी दी गई

वहीं वीरांगना अंजुलता (44) बार-बार बेहोश होती रही, जिसे रिश्तेदारों और परिजनों ने संभाला. बेटी अमीषा पिता की पार्थिव देह के पास बैठकर उन्हें बात करने के लिए कहती रही. इसके बाद लोगों ने संभालते हुए अंतिम दर्शन करवाए. अंतिम दर्शनों के बाद सूबेदार को सेना के जवानों ने अंतिम सलामी दी गई. पार्थिव देह को करीब 9:30 अंतिम संस्कार के लिए मोक्ष धाम ले जाया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग देश भक्ति के नारे लगाते हुए चले.

 

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चार दिन बाद पहुंची पार्थिव देह

सूबेदार गिर्राज प्रसाद का शव चार दिन बाद रविवार को उनके गांव पहुंचने पर पूरे गांव में मातम छा गया. पार्थिव देह सुबह 8 बजे हरसौरा थाना क्षेत्र के आलनपुर पहुंची. जहां से ग्रामीणों ने सूबेदार के सम्मान में तिरंगा यात्रा निकाली. सुबह करीब 8:30 बजे दो किलोमीटर दूर गांव माजरा तक तिरंगा यात्रा निकाली गई. सूबेदार की यात्रा में हजारों की संख्या में ग्रामीणों का जन सैलाब उमड़ पड़ा. इस दौरान भारत माता और सूबेदार गिर्राज प्रसाद अमर रहे के जयकारे लगाते रहे. इस दौरान गिरिराज प्रसाद के घर पूर्व मंत्री शकुंतला रावत, भाजपा नेता महेंद्र यादव, DSP सत्यनारायण मीणा, हरसौरा थानाधिकारी प्रदीप यादव समेत कई अधिकारी पहुंचे.

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परिवार में कौन-कौन

1996 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे सूबेदार के भाई ने बताया कि गिर्राज प्रसाद अक्टूबर 1996 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. एक बेटा शोहित यादव (25), बेटी अमीषा यादव (19) है. उनके एक बेटा और एक बेटी है. गिर्राज प्रसाद चार भाई बहनों में तीसरे नंबर के है. 

 

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घर परिवार और खेती के बारे में था पूछा

शहीद गिर्राज प्रसाद यादव तीन भाईयों में दूसरे नंबर का था. सबसे बड़ा भाई रोहिताश यादव दिव्यांग है और छोटा भाई भूपसिंह हरसौरा में निजी स्कूल चलाते है. तीन अप्रैल को पत्नी से हुई थी फोन पर बात परिवार ने बताया कि तीन अप्रैल को गिर्राज प्रसाद ने पत्नी को फोन किया था. सबकुछ ठीक लग रहा था. घर परिवार और खेती के बारे में पूछा था. वहीं बच्चों की पढ़ाई के बारे में भी पूछा था. एक महीने पहले छुट्टी लेकर गांव आया था.

 

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