Rajasthan Politics: किरोड़ी लाल मीणा बोले- `जब-जब भी आरक्षण पर आंच आने की बात आई तो मैं सड़क पर आया` सुप्रीम कोर्ट की ST-SC...

किरोड़ी लाल मीणा ने बयान दिया कि जब-जब भी आरक्षण पर आंच आने की बात आई तो वह सड़क पर उतरे. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की ST-SC आरक्षण को लेकर सलाह पर भी बड़ा बयान दिया है.

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Dr Kirodi Lal Meena

भाजपा नेता डॉक्टर किरोड़ूी लाल मीणा ने एक बार फिर लेटरल एंट्री मामले को लेकर तत्कालीन गहलोत सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि उस दौरान प्रदेश में बिना आरपीएससी की प्रक्रिया के लेटरल एंट्री के तहत सैकड़ों लोगों को जगह दी गई. जिसको वह जल्द ही मीडिया के सामने रखेंगे.

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Kirodi Lal Meena

किरोड़ी लाल मीणा ने कहा सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसटीएससी के आरक्षण को लेकर जो सलाह दी गई है उसे कैबिनेट ने लागू नहीं करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि'' मैं भी उस निर्णय के साथ हूं लेकिन मैं एसटी एससी के भाइयों से कहना चाहता हूं की जो आगे बढ़ गया उसे फायदा मिले. मुझे आपत्ति नहीं लेकिन जो पूर्ण रूप से वंचित है उसे भी जगह मिले. वह भी आगे बढ़े यह मेरा निजी विचार है पार्टी का नहीं.''

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Rajasthan Politics

किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि  अगर एसटीएससी भाई इसे मानते हैं तो उनकी मर्जी नहीं तो मैं भी पार्टी के निर्णय के साथ हूं. किरोड़ी ने कहा पूर्व में जब-जब भी आरक्षण पर आंच आने की बात आई तो मैं हमेशा सड़क पर आया लेकिन उस दौरान कोई भी नेता सड़क पर नहीं आया. अब जब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लागू नहीं करने का फैसला ले लिया उसके बावजूद भी यह नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सीखने के लिए भोले भाले लोगों को बरगलाकर सड़क पर उतार कर देश में हिंसा के हालात पैदा करना चाहते हैं. जबकि भाजपा किसी भी वर्ग के आरक्षण से कोई छेड़छाड़ नहीं कर रही.

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bharat bandh

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में SC-ST के भीतर सब कैटेगरी बनाने की अनुमति देने के बाद अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग में विरोध के सुर दिखाई देने लगे हैं. इसी वजह से भारत बंद का आह्वान किया गया. इस बंद का असर राजस्थान में भी देखा गया.

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21 August Bharat Bandh

गौरतलब है कि  SC-ST आरक्षण को लेकर 21 अगस्त, बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया गया. बंद का असर राजस्थान के शहरों में भी देखा गया.हालांकि आपातकालीन सेवाएं प्रभावित नहीं रहीं. भारत बंद के दौरान पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सतर्क दिखाई दिए.

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सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने आरक्षण पर 1 अगस्त को बड़ा फैसला दिया था और राज्यों को अनुसुचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC-ST) के भीतर सब-कैटेगरी बनाने की अनुमति दी. कोर्ट ने कहा था कि आरक्षण में उनको प्राथमिकता मिले, जिनको वाकई जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने व्यापक बहस छेड़ गई. भारत बंद का मुख्य उद्देश्य आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देना और इसे उलटने की मांग करना रहा

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