Mahabharata: महाभारत युद्ध के वक्त कहां रहती थी द्रौपदी
Mahabharata: महाभारत युद्ध 18 दिनों तक चला था. जानकारों के अनुसार, कलयुग के आरंभ होने से 6 महीने पहले मार्गशीर्ष शुक्ल 14 से युद्ध शुरू हुआ, जो निरंतर18 दिनों तक चला था. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि महाभारत युद्ध के दौरान द्रौपदी कहां रही थी?
महाभारत युद्ध से पहले श्रीकृष्ण ने दिया गीता का ज्ञान
कहा जाता है कि महाभारत युद्ध से पहले भगवान श्रीकृष्ण दोनों सेनाओं के बीच खड़े हुए और उन्होंने अर्जुन को गीता का पूरा ज्ञान दिया था. इस ज्ञान को अर्जुन के साथ हस्तिनापुर में बैठे संजय, हनुमान जी और कुछ पक्षियों से सुना था.
युद्ध के अंत क्या हुआ?
महाभारत युद्ध में जितने भी योद्धा मर जाते थे, उनके शव उनके घरवालों को दिए जाते थे और कुछ शव वहीं पड़े रहते थे. युद्ध के अंत में कुरुक्षेत्र भूमि को युधिष्ठिक की आज्ञा लेकर जला दिया गया था.
कुरुक्षेत्र की धरती है लाल
कहते हैं कि भीष्म पितामह रोज 10 हजार रांडव सैनिकों का वध कर देते थे. महाभारत युद्ध के दौरान इतना खून बहा कि आज भी कुरुक्षेत्र की धरती लाल है.
लाखों लोगों के लिए बनता था खाना
कहते हैं कि रोज लाखों लोगों के लिए महाभारत युद्ध के दौरान पास की भूमि के पास खाना बनाया जाता था.
द्रौपदी
वहीं, महाभारत युद्ध के वक्त द्रौपदी शिविर में रहती थी. माता कुंती और गांधारी वहां आती थी. कहा जाता है कि भीम और दुर्योधन के बीच गदा युद्ध हुआ था. इस दौरान भीम ने दुर्योधन का वध कर दिया था.