थोड़ा हट कर होती हैं राजस्थान में मारवाड़ी शादी, रीति-रिवाज से पोशाक तक सब रंगों से भरा

Marwadi Wedding Rituals : राजस्थान अब वेडिंग डेस्टिनेशन बन चुका है. बड़े स्टार्स अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए राजस्थान का रूख करने लगे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजस्थान में शादियां कैसे होती हैं. राजस्थान में दुल्हन और दूल्हे के घर पर होने पर रस्में आम शादियों से अलग और भव्य होती हैं. तो चलिए आपको बताते हैं राजस्थान की एक मारवाड़ी या रजवाड़ी शादी कैसे होती है.

प्रगति अवस्थी Thu, 05 Jan 2023-4:15 pm,
1/7

भात या मामेरा

भात या मामेरा की रस्म में दुल्हन के मामा के घर से दुल्हन और उसके पूरे परिवार को गिफ्ट दिये जाते हैं. इसे मामा का आशीर्वाद माना जाता है. इसी दौरान माना दुल्हन को फेरे का जोड़ा देता है, जो वो सात फेरे लेने के दौरान पहनेगी. इसके बाद मेंहदी संगीत और बारात रिसेप्शन और विदाई जैसी रस्मे आम शादियों जैसी ही होती है.

2/7

हल्दी

अब दूल्हा और दुल्हन की उनके घरों में हल्दी की रस्म होती है.जिसके बाद दोनों घर से बाहर अब शादी के दिन ही निकल सकते हैं.

3/7

धोली कलश

इस रस्म के दौरान घर की बहुओं और बेटियों को एक-एक पानी से भरा हुआ घड़ा अपने सिर पर उठाना होता है. इस घड़े को चुनरी और ज़ेवरों से सजाया जाता है और देवी स्वरूप माना जाता है. इन घड़ों को घर के दूसरे दामाद सिर से हटाकर रखते हैं. ये रस्म जिस मंडप में शादी होगी उसी में की जाती है.

4/7

गणेश स्थापना

इसके बाद शादी वाले घर में यानि के दुल्हन के घर में गणेश पूजन होता है. ताकि नवविवाहित जोड़े का  वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि से गुजरे. इस पूजा के दौरान गणेश जी और सभी गृह नक्षत्रों को शादी का न्यौता दिया जाता है.और देवताओं से दोनों परिवारों की सुख- शांति की कामना की जाती है.

 

5/7

माता पूजन

दुल्हन की मां और 5 औरतें मिलकर शीतला माता या मंदिर में जाकर अपनी कुल देवी को मेहंदी चढ़ाकर आती हैं. इसके बाद ये ही मेंहदी दुल्हन को शगुन के रुप में लगायी जाती है.अगले दिन माता का पूजन होता है और कुल देवी केनाम की  पताका दुल्हन के हाथ में रखी जाती है. पूरा परिवार ढोल नगाड़ों के साथ मंदिर जाता है  और पूजा अर्चना करता है.

6/7

खल-मिट्टी

 इस रस्म में दुल्हन के घर की महिलाएं और भाई या मामा मिट्टी खोदकर गीली मिट्टी को लेकर आते हैं. इसके बाद 5 या 7 सुहागन इस मिट्टी से पूजा का चूल्हा, तुलसी क्यारी और कई और चीजें बनाती हैं. ये सब शादी के दिन तक सहेज कर रखा जाता है. इस रस्म के बाद से हर दिन दुल्हन के घर में बन्ना बन्नी के गीत शुरु हो जाते हैं.

7/7

लगुन लिखाई

शादी की शुरुआत लगुन के साथ होती है. दरअसल इसमें एक लगुन पत्रिका होती है जिसमें शादी के हर कार्यक्रम की तिथि और शुभ मुहूर्त लिखा जाता है. यानि के शादी का कार्ड जो लड़की वाले लड़के वालों के घर पहले लेकर जाते हैं.

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link