राजस्थान की ये जनजाति क्राइम मास्टर, अपराध करने से पहले कुलदेवी से मांगती है `पाती`

Rajasthan News: आज हम आपको राजस्थान की एक ऐसी जनजाति के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपराध के मामले में मास्टर कहलाती है. कहते हैं कि ये कोई भी क्राइम करने से अपनी कुलदेवी की पूजा करते हैं और उनसे `पाती` मांगते हैं. जानिए इस जनजाति के बारे में कुछ रोचक बातें.

स्नेहा अग्रवाल Thu, 08 Aug 2024-8:21 pm,
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कंजर जनजाति

कंजर एक जनजाति है, जो भारत और पाकिस्तान में पाई जाती है.  कंजर एक घुमक्कड़ कबीला है, जो पूरे उत्तर भारत की ग्राम्य और नागरकि जनसंख्या में फैलै हुआ है. कंजर जनजाति राजस्थान में भी देखी जाती है. 

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कंजर शब्द कहां से आया?

जानकारी के अनुसार, कंजर ' शब्द की संस्कृत 'कानन-चर' से निकला है. कंजर कॉलोनी पंचायत पंडेर तहसील जहाजपुर जिला भीलवाड़ा के अंदर बड़े-बड़े सरकारी दफ्तरों में अधिकारी पाए जाते हैं. ये समाज का सबसे अधिक पढ़ा लिखा गांव माना जाता है. 

 

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अपराध के लिए मशहूर

कहा जाता है कि यह जनजाति अपराध के लिए काफी मशहूर है और कोई भी क्राइम करने से पहले ये अपनी कुलदेवी की पूजा करते हैं, जिनसे ये 'पाती' मांगते हैं, जिसका मतलब आशीर्वाद होता है. 

 

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कुलदेवी चौथमाता

कंजर जनजाति की कुलदेवी चौथमाता हैं. इस जनजाति के लोगों को नाथ, बांछड़ा और गश्ती के नाम से भी जाना जाता है. कंजर एक समय राजस्थान का खानाबदोश समुदाय था. 

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खान-पान

कंजर जनजाति की महिलाएं लहंगे की जगह लंबा कुरता और पाजामा पहनती हैं. ये जनजाति खान-पान में कबीले जौ, बाजरा, फल से साथ  छिपकली, बिल्ली, गिरगिट और मेढ़क का मांस तक खाते हैं. 

(डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.)

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