देश विदेश में जारी है राजस्थानी लोक नृत्यों का जलवा, आप भी जानें क्या है खास...

राजस्थानी लोक नृत्यों में घूमर, कठपुतली और कालबेलिया नृत्य बहुत पर्यटकों को आकर्षित करती है. राजस्थानी लोक नृत्य विभिन्न जनजातियों से उत्पन्न हुए हैं और मुख्य रूप से राजाओ के मनोरंजन के लिए इस्तेमाल किए जाते थे.

जी राजस्थान वेब टीम Sat, 26 Feb 2022-1:26 pm,
1/5

कठपुतली नृत्य

कठपुतली नृत्य को लोकनाट्य की ही एक शैली माना गया है. कठपुतली अत्यंत प्राचीन नाटकीय खेल है जिसमें लकड़ी, धागे, प्लास्टिक या प्लास्टर ऑफ पेरिस की गुड़ियों द्वारा जीवन के प्रसंगों की अभिव्यक्ति और मंचन किया जाता है. पुतली कला की प्राचीनता के संबंध में तमिल ग्रंथ ‘शिल्पादिकारम्’ में भी जानकारी मिलती है. पुतली कला कई कलाओं का मिश्रण है, यथा-लेखन, नाट्य कला, चित्रकला, वेशभूषा, मूर्तिकला, काष्ठकला, वस्त्र-निर्माण कला, रूप-सज्जा, संगीत, नृत्य आदि.

2/5

कालबेलिया नृत्य

कालबेलिया नृत्य कालबेलिया समुदाय के पारंपरिक जीवनशैली की एक अभिव्यक्ति है. इसे 'युनेस्को' (UNESCO) ने वर्ष 2010 से मानवता की सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल कर रखा है. इस नृत्य के दौरान नृत्यांगनाओं द्वारा आंखों की पलक से अंगूठी उठाने, मुंह से पैसे उठाना, उल्टी चकरी खाना आदि कलाबाजियां दिखाई जाती हैं. नृत्य के दौरान एक विशेष तरह की पोशाक पहनी जाती है. कांच के टुकड़ों और जरी-गोटे से तैयार काले रंग की कुर्ती, लहंगा और चुनरी.  नृत्य के दौरान बीन और ढफ बजाई जाती है. लोक कलाकार सुरीली आवाज में गायन भी करते हैं.

 

3/5

कच्छी घोड़ी नृत्य

  कच्छी घोड़ी नृत्य भारतीय राज्य राजस्थान का एक लोकनृत्य है.  इसमें नर्तक नकली घोड़ों पर सवारी करते हैं. इसका प्रदर्शन सामाजिक और व्यावसायिक दोनों तरह से होता है. यह नृत्य दूल्हा पक्ष के बारातियों के मनोरंजन करने के लिए और अन्य खुशी अवसरों पर भी प्रदर्शित किया जाता है. इस नृत्य की उत्पति राजस्थान के शाही दरबारों में हुई है. यह नृत्य उन राजमार्ग लुटेरों की कहानी से संबंधित है जो शेखावाटी क्षेत्र में 17 वीं सदी में रहते थे और गरीबों को देने के लिए अमीरों का धन लूटते थे.

4/5

घूमर नृत्य

  घूमर नृत्य भारत में प्रचलित कुछ प्रमुख लोक नृत्य शैलियों में से एक है. इस नृत्य में महिलाएं लम्बे घाघरे और रंगीन चुनरी पहनकर नृत्य करती हैं. जब  महिलाएं एक गोल घेरे में चक्कर लगाते हुए नृत्य करती हैं तो उनके लहंगे का घेर और हाथों का संचालन अत्यंत आकर्षक दृश्य प्रस्तुत करता है. घूमर नृत्य राजस्थान के प्रसिद्ध लोक नृत्यों में से एक है. यह नृत्य राजस्थान में प्रचलित अत्यंत लोकप्रिय नृत्य है, जिसमें केवल महिलाएं ही भाग लेती हैं.

 

5/5

भवई नृत्य

 भवई राजस्थान के पारंपरिक लोक नृत्यों में से एक है. यह नृत्य मूल रूप से महिलाओं के नर्तकियों को अपने सिर पर 8 से 9 पिचर संतुलन करना और साथ  साथ नाच करना होता है.माना जाता है कि यह कलात्मक रूप पड़ोसी राज्य गुजरात में पैदा हुआ था और इसे जल्दी ही स्थानीय आदिवासी पुरुषों और महिलाओं द्वारा उठाया गया था और इसे एक विशिष्ट राजस्थानी सार दिया गया था.

 

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link