पिता की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए बेटे ने उठाया बड़ा कदम, अस्पताल में ही कर लिया निकाह
Bizarre Nikah Story: बाप-बेटे का रिश्ता दुनिया में सबसे अनोखा रिश्ता होता है. कहते हैं जिंदगी में कुछ हो ना हो, अगर एक पिता का आशीर्वाद उसके बेटे के सिर पर है तो मानो उसकी जिंदगी हमेशा खुशियों से गुलजार रहती है. हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें पिता की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए एक बेटे ने ऐसा फैसला लिया, जिसकी चर्चा पूरे सोशल मीडिया पर हो गई है.
अस्पताल वालों की आंखें आंसुओं से डबडबा गई
दरअसल, यह मामला मध्यप्रदेश के बैतूल का है, जहां एक बूढ़े बाप की इच्छा पूरी करने के लिए बेटे ने अस्पताल में ही निकाह कर लिया. यह नजारा देखकर अस्पताल वालों की आंखें आंसुओं से डबडबा गई. जानकारी के मुताबिक, मामला एमपी के बैतूल जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर का है. यहां की मुलताई में एक बूढ़े शख्स मोईत उल्ला खान की उम्र लगभग 80 साल है, वह हॉस्पिटल में एडमिट हैं. उनका इलाज चल रहा है. प्रभात पट्टन के रहने वाले मोहित उल्ला खान ब्लड कैंसर जैसी भयंकर और जानलेवा बीमारी से जूझ रहे हैं. उनकी जिंदगी ऑक्सीजन सपोर्ट पर चल रही है.
बेटे ने रखा पिता की इच्छा का मान
सभी जानते हैं कि हर बाप चाहता है कि उसकी आंखों के सामने ही उसके बेटे का घर बस जाए लेकिन हाल ही में एमपी से जो मामला सामने आया, वह पढ़कर आपका दिल को रोकर रह जाएगा. दरअसल वेंटिलेटर पर इलाजरत बुजुर्ग ने अपने बेटे से ख्वाहिश जाहिर की कि वह उसका घर बसते देखना चाहते हैं. बस फिर क्या था बेटे अयूब खान ने पिता की इच्छा आखिरी इच्छा का सम्मान करते हुए तुरंत ही निकाह करने का फैसला लिया. उनका बेटा अयूब खान चाहता है कि उनके बुजुर्ग पिता सुकून से इस दुनिया से रुखसती लें.
अस्पताल का स्टाफ भी निकाह में शामिल
इसके बाद बेटे ने भी पिता की आखिरी इच्छा को पूरा करने के लिए अस्पताल में ही निकाह किया. इसके लिए मौलवी को बुलाया गया और पूरा परिवार अस्पताल के स्टाफ के साथ मिलकर इस निकाह में शामिल हुआ. बताया जा रहा है कि निकाह की पूरी रस में मोईत उल्ला खान ने वेंटिलेटर पर लेटे-लेटे अपनी आंखों के सामने देखी तो खुशी से उनकी भी आंखों से आंसू निकल पड़े.
धीरे से हाथ उठाकर नए दूल्हा दुल्हन को आशीर्वाद दिया
अस्पताल के लोगों का कहना है कि बुजुर्ग मोईत उल्ला खान की स्थिति ब्लड कैंसर की वजह से बेहद गंभीर है. वह ऑक्सीजन सपोर्ट पर जीवित हैं. उनकी सेहत काफी खराब है और बस चल फिर बिल्कुल नहीं सकते हैं. ऐसे में उनके बेटे की निकाह की रस्म उनकी आंखों के सामने जब करवाई गई तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उन्होंने बहुत ही धीरे से हाथ उठाकर नए दूल्हा दुल्हन को आशीर्वाद दिया. यह खबर सोशल मीडिया पर खूब चर्चाएं बटोर रही है.
क्या कहना है अस्पताल के डॉक्टर का
मामले को लेकर कृष्ण मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉक्टर अंकुश का कहना है कि मरीज पहले नागपुर में एडमिट थे. वहां खर्चा ज्यादा होने के कारण उन्हें वापस कृष हॉस्पिटल में एडमिट किया गया है. मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए अस्पताल वालों ने उनकी आंखों के सामने ही बेटे के निकाह की परमिशन दे दी. यह नजारा देख वहां पर मौजूद हर किसी की आंखों में आंसू आ गए.