Jaipur: राजस्थान में मनरेगा में सरकारी कर्मचारियों की सेंधमारी उजगार करने के लिए प्रदेश के ग्रामीण विकास विभाग ने तैयारी कर ली है. मनरेगा में कई जिलों में सामग्री मद और जॉब कार्ड की गड़बड़ी सामने आने पर गहलोत सरकार इस योजना को भी जन-आधार कार्ड से जोड़ने की योजना पर कार्य कर रही हैं. ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ. के के पाठक ने बताया कि भीलवाड़ा और अजमेर जिले में यह पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू होगा. इसके लिए केंद्र सरकार से इन दोनों जिलों में मनरेगा में लगे मनरेगा कार्मिकों का आधार कार्ड का डाटा मांगा गया है. केंद्र सरकार से आधार कार्ड का डाटा आने के बाद इसे जन-आधार कार्ड से मैच किया जायेगा, जिससे यह पता चले कि इन जिलों में कौन सा सरकारी कर्मचारी मनरेगा में अपात्र होते हुए भी वित्तीय लाभ ले रहा है.


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आपको बता दें कि बीते दिनों ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री रमेश मीना की समीक्षा बैठक के दौरान वित्तीय अनियमितताओं के कई मामले सामने आये हैं. बाड़मेर और नागौर जिले में मनरेगा की वित्तीय अनियमतितओं की रिपोर्ट तो मंत्री तक पहुंच चुकी है और इस पर एक्शन होना बाकी है. वहीं ग्रामीण विकास विभाग से पहले खाद्य विभाग एनएफएसए में 2 रुपये किलो गेहूं उठाने वाले सरकारी कर्मचारियों को जन-आधार कार्ड के जरिये पकड़ चुका है, अब तक 83 हजार सरकारी कर्मचारियों को चिह्नित करके 82 करोड़ की वसूली हो चुकी है.


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