New parliament building inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार यानी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन  करने जा रहे है. इसका उद्घाटन समारोह सुबह सवा 7 बजे से शुरू होगा. जिसकी शुरूआत  वैदिक, रीति-रिवाजों के साथ की जाएगी. यह उद्घाटन  समारोह 7 घंटे तक  चलेगा. जिसे दो चरणों में किया जाएगा. पहले चरण में 7:15 बजे से 9:30 बजे तक पूजा समारोह होगा तो वहीं 11:30 बजे से उद्घाटन समारोह होगा. 


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वहीं बीते कुछ दिनों से पीएम के जरिए नई संसद का उद्घाटन करवाये जाने पर कई राजनैतिक दलों ने इस उद्घाटन समारोह का बहिष्का किया है. शुक्रवार को नगौर संसद हनुमान बेनिवाल ने भी सोल मीडिया में पहलवानों का समर्थन करते हुए उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया था. लेकिन बहिष्कार के एलानों के बीच नई संसद के उद्घाटन की तैयारियां जोरों से है. 


 आपको बता दें कि इस भारी विरोध के बीच नई संसद बने नए  लोकसभा भवन में सेंगोल को भी स्थापित किया गया.  सेंगोल निष्पक्ष, न्यायसंगत शासन के मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है.  इसे तमिल संस्कृति की विधियों के मुताबिक स्थापित किया जाना है. 


बीते दिन शनिवार को ही पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री आवास में सेंगोल के लिए तमिलनाडु के अधीनम से मुलाकात की थी. पीएम मोदी से मदुरै अधीनम मंदिर के मुख्य महंत अधीनम हरिहरा दास स्वामीगल व अन्य अधीनम संत मिलने पहुंचे थे. उन्होंने इससे पहले कहा था कि सेंगोल तमिल संस्कृति की धरोहर रहा है. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सेंगोल को आज तक सिर्फ एक छड़ी समझा गया, लेकिन अब इसे उचित सम्मान मिल रहा है.


सुबह सवा सात बजे पीएम मोदी के पहुंचने के बाद साढ़े सात बजे पांडाल में पूजन शुरू होगा, जिसका विधान एक घंटे तक चलेगा. फिर सभी लोकसभा चैंबर की ओर जाएंगे और यहां प्रवेश के बाद 9 बजे तक चैंबर में कार्यक्रम चलेगा. यहां लॉबी में प्रार्थना सभा होगी और फिर इसके बाद पीएम मोदी परिसर से निकलेंगे. 


तमिलनाडु के अलग-अलग मठों के अधीनम नई संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए हैं. थोड़ी ही देर में वहां हवन-पूजन शुरू हो जाएगा. 


संसद का उद्घाटन दो चरणों में होना है. दूसरा चरण दोपहर 12 बजे से शुरू होगा. इसकी शुरुआत राष्ट्रगान से होगी. इसके बाद दो शॉर्ट फिल्मों की स्कीनिंग की जाएगी. फिर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति का संदेश पढ़ेंगे. इसके बाद राज्यसभा में नेता विपक्ष का संबोधन होगा. फिर लोकसभा स्पीकर का भी संबोधन होना है. इसके बाद सिक्के और स्टांप रिलीज किए जाएंगे और फिर सबसे आखिर में पीएम नरेंद्र मोदी का संबोधन होगा. दोपहर 2 बजे तक कार्यक्रम का समापन होगा.


राजस्थान के पत्थर का हुआ प्रयोग
जैसे एक घर को सुंदर बनाने के लिए हर जगह से नई नायाब वसतुए लाई जाती है, उसी प्रकार देश के नए संसद भवन के निर्माण के लिए  भी देशभर से अनोखी सामग्रियों को जुटाया गया है. जैसे नागपुर से सागौन की लकड़ी, राजस्थान के सरमथुरा से सैंडस्टोन, यूपी के मिर्जापुर की कालीन, अगरतला से बांस की लकड़ी और महाराष्ट्र के औरंगाबाद और जयपुर से अशोक प्रतीक को मंगवाया गया है.  


राजस्थान के कारीगरों ने सजाया है नई संसद को
 संसद के नए भवन में बाहर से अंदर तक राजस्थान की छटा  बिखरने का अहम योगदान है. नए संसद भवन की दीवारों से लेकर मुख्य हॉल में राजस्थान के  पत्थर लगे हुए है. नए संसद भवन की आंतरिक साज सज्जा को  राजस्थान के कारीगरों ने नरसी कुलेरिया और उनकी टीम ने किया.इनकी टीम ने  नए संसद भवन की आन्तरिक साज़ सज्जा का कार्य फर्नीचर, पेंटिंग, से लेकर 1000 से अधिक श्रमिको ने 15 महीने तक किया है. नरसी कुलेरिया  बीकानेर के नोखा निवासी है. नरसी कुलेरिया पिछले 3 दशक से देश के कई बड़े प्रोजेक्ट में निभा चुके अहम जिम्मेदारी