Jaipur: कोरोना के बाद राजस्थान के कृषि सेक्टर में नई संभावनाओं को बढ़ावा मिला है. खासतौर पर ऑर्गेनिक खेती में स्कोप को भुनाने के लिये नवाचार बढ़े है. ज़ी मीडिया से खास बातचीत में नाबार्ड राजस्थान के महाप्रबंधक बज्जू कुरप ने बताया कि नाबार्ड का आकलन है कि कृषि और ग्रामीण विकास में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 2 लाख 75 हजार करोड़ रुपये की राशि की आवश्यकता होगी.


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नाबार्ड महाप्रबंधक ने कहा कि कोरोना के बाद एग्रीकल्चर फील्ड में रुझान है. ऑर्गेनिक खेती में सम्भवनाओं ने नवाचार को गति दी है साथ ही शहरों से गांवों की ओर पलायन का भी असर खेती पर है.


राज्य में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 2,75,000 करोड़ रुपये की राशि का आंकलन प्राथमिकता क्षेत्र ऋण संभाव्यता का है. इसमें एग्रीकल्चर सेक्टर में 1,62,290 करोड़ क्रेडिट पोटेंशियल है. MSME सेक्टर में 81,299 करोड़ ऋण आकलन किया गया है. निर्यात सेक्टर में 3,950 करोड़, शिक्षा में 2,360 करोड़ रुपए आवास सेक्टर में 14,023 करोड़ रुपये, रिन्यूएबल एनर्जी में 2,525 करोड़ रुपये, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर में 2,090 करोड़ रुपये ऋण संभावना है.


नाबार्ड की रिपोर्ट के आधार पर बैंकों ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्लान तैयार किया है. महंगाई के आंकड़ों के आधार पर भी प्लान राशि में इजाफा हुआ है. ऋण की संभावित राशि पिछले वर्ष की तुलना में 9.6 प्रतिशत अधिक है.


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