घूंघट में रहने वाली प्रेम को कैनवास से प्रेम कई देशों में चित्रकारी की कर चुकी है प्रदर्शन
मनुष्य अपने हाथो से नहीं बल्कि अपने दिल से पेंटिंग करता है.एक मूर्तिकार चीजो को आकार देने में रूचि रखता हैं.एक कवि शब्दों को..एक संगीतकार संगीत को और चित्रकार एक चित्र को जन्म देता है..आज हम आपको एक ऐसी महिला कलाकार रूबरू करवाएंगे.
जयपुर: मनुष्य अपने हाथो से नहीं बल्कि अपने दिल से पेंटिंग करता है.एक मूर्तिकार चीजो को आकार देने में रूचि रखता हैं.एक कवि शब्दों को..एक संगीतकार संगीत को और चित्रकार एक चित्र को जन्म देता है..आज हम आपको एक ऐसी महिला कलाकार रूबरू करवाएंगे. जो अपनी भित्ति चित्रकारी की कला से दांतो तले अंगुली दबाने को मजबूर कर देती है.
तुम जो चाहो वो पा सकते हो,ठान लो कुछ कर दिखाने का तो अपनी किस्मत के बंद दरवाजे भी खोल सकते हो..ऐसा ही कुछ कर दिखाया चौमूं के सामोद निवासी प्रेम ने..एक छोटे से गांव से घूंघट की ओट में शादी करके आई प्रेम देवी कुमावत ने अपने ससुराल सामोद आकर अपनी पेंटिंग की कला को दूसरे लोगों तक पहुंचाने की ठान ली.
प्रेम ने अपने पति से सीखा गुर
प्रेम के पति भँवर लाल पेंटर है. प्रेम ने अपने पति भंवर लाल के काम मे हाथ बंटाकर पेपर व वॉल पेंटिंग, कैनवास पेंटिंग, भित्ति चित्रकारी सिख गई. धीरे-धीरे प्रेम देवी के हाथों में रंगों से भरी ब्रश से कला बिखरती नजर आने लगी, जिसके चलते प्रेम देवी के हाथों से बनी पेंटिंग ने आर्ट एवं कल्चर के क्षेत्र में अपना नाम उम्दा पेंटरों की लिस्ट में लिखाया.इतना ही नही प्रेम देवी ने अपनी इस कला के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यो के साथ विदेशों में भी मिशाल कायम कर चुकी है.
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आर्ट और कल्चर में अलग पहचान बनाई
प्रेम देवी ने बताया कि पहले कुछ झिझक थी. मगर धीरे धीरे पति और परिवार का साथ मिला. इस दौरान घर पर पेपर पेंटिग का काम करते करते घर से बाहर निकल कर वॉल पेंटिंग व केनवास पेंटिंग का काम अपने पति के साथ शुरू किया.इस दौरान राज्य केजोधपुर,जैसलमेर,मंडावा सहित दिल्ली,हरियाणा,चेन्नई,बम्बई,गोवा, मद्रास के साथ साथ विदेशो में साउथ अफ्रीका व मॉरीशस में भी कई पांच सितारा होटलों सहित आलीशान बंगलो में वॉल पेंटिंग का काम कर आर्ट व कल्चर में अलग पहचान बनाई.
सामोद एक हेरिटेज गांव होने से यहां विदेशी सैलानियों का आना जाना लगा रहता है.यहां पहुचने के बाद विदेशी पर्यटक प्रेम देवी की कला को देखने से खुद को रोक नही पाते.इस दौरान विदेशी मेहमान कुमावत के घर जाकर उन्हें पेंटिंग करते देखकर दांतो तले अंगुली दबा लेते है.प्रेम ने अपनी पूरी कला का प्रदर्शन अपने स्वयं के मकान पर किया है.
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शेखावाटी शैली चित्रकारी से सजा रखा है खुद का घर
खास बात प्रेम के मकान के भीतर जाने के बाद एक बार तो शेखावाटी की किसी मशहूर पुरानी हैरिटेज हवेली की फिलिंग जरूर आती है..जबकि तस्वीरों में दिख रही यह सुंदर इमारत शेखावाटी की इमारत नही प्रेम का मकान है.जिस पर प्रेम ने खुद चित्रकारी करके सजाया है.
अभी तक कई लोगों को बना चुकी आत्म निर्भर
आर्टिस्ट प्रेम देवी यही नहीं रुकी, प्रेम अपनी कला को अन्य महिला पुरषों को बांटने का काम भी कर रही है. उन्हें यह कला सिखाकर आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही है. प्रेम अब तक दर्जनों महिला पुरुषों को महिलाओ को पेंटिंग का काम सीखा चुकी है. वे सभी महिलाए अब खुद पेंटिंग बना कर अपना व्यवसाय चला रही है. इनके हाथों से बनी पेपर व केनवास पेंटिंग की डिमांड देश के विभिन्न राज्यो के अलावा फ्रांस, जर्मनी, इटली, बेल्जियम सहित कई देशों में है.आज प्रेम देवी की इस कला को देखने देश विदेश से लोग उनके घर तक आते है.
Reporter- Pradeep Soni