राजस्थान में नई सरकार से पहले नियुक्ति की तैयारी ! सहायक प्रोफेसर भर्ती पर आ सकता है बड़ा अपडेट
Rajasthan new government: राजस्थान में नई सरकार से पहले नियुक्ति की तैयारी की हो सकती है. राजूवास यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर भर्ती पर बड़ा अपडेट आ सकता है. पिछली सरकार ने लगाई थी भर्ती प्रक्रिया पर रोक.राजभवन के आदेश के आधार पर लगाई रोक.
Rajasthan new government: बीकानेर की राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में चल रही सहायक प्रोफेसर भर्ती में अब गुपचुप तरीके से परिणाम जारी करने की कवायद चल रही है. पिछली कांग्रेस सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में नियुक्ति देने पर रोक लगा दी थी. अब नई सरकार के गठन से पहले गुपचुप नियुक्ति देने की कवायद की जा रही है.क्या है पूरा मामला.
राजस्थान में यह समय ब्यूरोक्रेसी का है, पुरानी सरकार का दखल समाप्त हो चुका है और नई सरकार ने अभी सत्ता नहीं संभाली है. इस बीच अफसर स्वतंत्र रूप से अपने निर्णय कर रहे हैं, ऐसी ही कुछ तैयारी राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में चल रही है. विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के 72 पदों पर जिस भर्ती को विवादित मानते हुए निर्वतमान कांग्रेस सरकार ने रोक लगा दी थी, उसी भर्ती प्रक्रिया को अब विश्वविद्यालय प्रशासन गुपचुप तरीके से नई सरकार का गठन होने से पहले पूरी करने की तैयारी कर रहा है.
विश्वविद्यालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक नई सरकार के शपथग्रहण से पहले ही भर्ती के लिफाफे खोले जाने की तैयारी चल रही है. आपको बता दें कि राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर, जिसे राजूवास यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता है, पिछले कई महीनों से विवादों में है.विश्वविद्यालय प्रशासन ने पूर्व में जुलाई 2022 में इस भर्ती की प्रक्रिया शुरू की थी,
जिसमें गड़बड़ियों के चलते जून 2023 में यह भर्ती रद्द कर दी गई थी। 7 जुलाई 2023 से विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुरानी गलतियों को सुधारे बगैर ही नए सिरे से आवेदन लेकर इंटरव्यू कर लिए हैं. दूसरी बार हो रही भर्ती पर 12 सितंबर को राज्यपाल कलराज मिश्र के प्रमुख सचिव ने रोक लगा दी थी. इसी कड़ी में पशुपालन विभाग ने भी 26 सितंबर को आदेश जारी कर भर्ती रोक दी थी.
राजभवन ने भर्ती रोकी, जांच होने लगी तो आदेश रद्द !
- 12 सितंबर 2023 को राजभवन ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई
- हाईकोर्ट के एक आदेश और एक शिकायत के आधार पर भर्ती रोकी
- इस आधार पर 26 सितंबर को पशुपालन विभाग ने आदेश दिए
- विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिख नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाई
- इस आधार पर पशुपालन विभाग ने एक जांच कमेटी गठित की
- पशुपालन प्रमुख सचिव विकास एस भाले ने 6 अक्टूबर को आदेश निकाले
- भर्ती में अनियमितताओं की जांच के लिए 4 सदस्यीय कमेटी गठित की
- कमेटी रिपोर्ट देती उससे पहले राजभवन ने 14 अक्टूबर को फिर पत्र लिखा
- पशुपालन प्रमुख सचिव को पत्र लिख 4 सदस्यीय जांच कमेटी भंग की
सहायक आचार्य के पदों पर रोक जारी रहेगी
राजभवन ने अब 29 नवंबर को नए आदेश जारी किए हैं. आदेशों में कहा गया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी भर्ती प्रक्रिया को पूरी कर सकता है. पूर्व में 12 सितंबर को लगाई गई रोक को हटा दिया गया है. केवल वेटरनरी एनाटॉमी के सहायक आचार्य के पदों पर रोक जारी रहेगी. हालांकि इस पत्र में यह कहीं भी स्पष्ट नहीं है कि राजभवन को जो पूर्व में शिकायत प्राप्त हुई थी और जिसके आधार पर भर्ती प्रक्रिया रोकी गई थी, उस प्रकरण में क्या हुआ. राजभवन ने राज्य सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट आने से पहले ही कमेटी काे भंग कर दिया था.
कैसे पता चलेगा, गड़बड़ी कहां ?
- पहली बार हुई भर्ती में 4 अप्रैल 2023 को कमेटी ने रिपोर्ट दी
- उसमें 3 बड़ी गड़बड़ियां कमेटी ने मानी थी
- अंतिम तिथि के बाद अंक बढ़ाने, असिस्टेंट लाइब्रेरियन को शैक्षणिक वर्ग में जोड़ने
- रोस्टर पंजिका में जांच कमेटी ने मानी थी बड़ी गड़बड़ी
- 7 जुलाई 2023 से दुबारा भर्ती शुरू हुई तो रोस्टर पंजिका में सुधार नहीं किया
- विश्वविद्यालय प्रशासन पशुपालन डिप्लोमा संस्थानों को मान्यता भी दे चुका
- इसे लेकर पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा
- राज्य सरकार की बगैर एनओसी यूनिवर्सिटी ने मान्यता दी, जो पूरी तरह गलत
- कटारिया ने कुलपति सतीश गर्ग के खिलाफ जांच व कार्रवाई के लिए लिखा
लिफाफे खोलकर नियुक्ति देने की तैयारी
राजभवन ने 29 नवंबर के आदेश में कहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन भर्ती प्रक्रिया को पूरी कर सकता है इसमें निर्वाचन विभाग से परामर्श लेने की बात कही गई है. प्रदेश में आचार संहिता सोमवार को हट चुकी है, तो अब परामर्श की जरूरत नहीं रही है. सूत्रों की मानें तो विश्वविद्यालय प्रशासन अगले एक-दो दिन में बैठक बुलाकर लिफाफे खोलकर नियुक्ति देने की तैयारी कर रहा है.जिससे नई सरकार के आने से पहले ही अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी जाए.
रिपोर्टर-काशीराम चौधरी
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