Jaipur: राष्ट्रीय कांग्रेस में मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद अब उदयपुर डिक्लेरेशन को लागू करने को लेकर कांग्रेस के भीतर कवायद तेज हो गई है. खड़गे ने अपने पदभार ग्रहण कार्यक्रम में भी इस बात पर ज़ोर दिया कि कांग्रेस के भीतर संगठन को मज़बूत करने युवाओं को अवसर देने की दिशा में काम किया जाएगा. 


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खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद सीडब्ल्यूसी के सभी सदस्यों, राष्ट्रीय महासचिव और राज्यों के प्रभारियों ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिए हैं. कांग्रेस संगठन के संचालन के लिए स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया गया है लेकिन अब अब चर्चा इस बात को लेकर है कि पार्टी के भीतर 1 पद एक व्यक्ति के फ़ॉर्मूले को सख़्ती से लागू किया जाएगा. यही कारण है कि प्रदेश में 2 पदों पर बैठे चार मंत्रियों और 7 विधायकों को भी एक पद छोड़ना पड़ सकता है. 


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प्रदेश कांग्रेस में मौजूदा समय में प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर राहत मंत्री गोविंद मेघवाल, राजस्व मंत्री रामलाल जाट, जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत मालवीय और मुख्यमंत्री के सलाहकार विधायक डॉ. जितेंद्र सिंह है. इसके अलावा महासचिव पद पर विधायक जी आर खटाणा, हाकम अली, प्रशांत बैरवा राकेश पारीक, रीटा चौधरी, वेद सोलंकी, लाखन मीणा है. अब इन सभी को एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत अपनाते हुए किसी ने एक पद को छोड़ना पड़ेगा. ज़ाहिर है सभी मंत्री विधायक और बोर्ड निगम में अध्यक्ष उपाध्यक्ष संगठन का ही पद छोड़ेंगे. 


ऐसे में प्रदेश कार्यकारिणी नए सिरे से नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की सिफारिश पर गठित की जाएगी. प्रदेश कांग्रेस के नए पदाधिकारियों, जिला अध्यक्षों के साथ ही 400 ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति में भी 50 प्रतिशत युवाओं को पद देने पड़ेंगे. ऐसे में कांग्रेस में युवाओं को अहम भूमिका मिलने की संभावनाएं बढ़ गई है. 


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