Jaipur : परिवहन विभाग ने वर्ष 2018 में निजी क्षेत्र में फिटनेस केन्द्रों की अनुमति तो पारदर्शिता और ट्रांसपोर्टर्स की सुविधा के लिहाज से शुरू की थी. लेकिन अब ये निजी क्षेत्र के फिटनेस केन्द्र परिवहन विभाग के लिए गले की फांस बन गए हैं. रोज फिटनेस केन्द्रों को लेकर परिवहन विभाग को शिकायतें मिल रही हैं. अब फिटनेस केन्द्र बगैर कर चुकता प्रमाण पत्र देखे ही फिटनेस जारी कर रहे हैं. ताजा मामला जयपुर के सीतापुरा स्थित फिटनेस केन्द्र का है. कैसे हो रहा है राज्य सरकार को राजस्व नुकसान, देखिए, जी मीडिया की यह खास रिपोर्ट-


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

परिवहन विभाग को निजी फिटनेस केन्द्रों की मनमर्जी और नियम नहीं मानने के चलते राजस्व का नुकसान झेलना पड़ रहा है. दरअसल जयपुर के एक फिटनेस केन्द्र ने हाल ही में दो ऐसे ट्रकों की फिटनेस जारी कर दी है, जिन पर परिवहन विभाग के कई चालान बकाया चल रहे हैं. इनके पेटे ट्रक संचालकों से हजारों रुपए की जुर्माना राशि वसूल होना बाकी है. दरअसल परिवहन विभाग का नियम यह है कि फिटनेस केन्द्रों को किसी भी वाहन की फिटनेस करने से पहले टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट यानी कर चुकता प्रमाण पत्र देखना जरूरी है. 


बहुत से ट्रक संचालक बगैर कर चुकता प्रमाण पत्र के ही फिटनेस करवाना चाहते हैं, जिससे परिवहन विभाग द्वारा उनके बनाए गए चालान की जुर्माना राशि जमा नहीं करनी पड़े. जुर्माना जमा नहीं होने से से ये चालान परिवहन विभाग के रिकॉर्ड में पैंडिंग रहते हैं. इससे परिवहन विभाग का राजस्व बकाया रहता है, जिससे न केवल परिवहन विभाग को राजस्व का नुकसान होता है, साथ ही जिस आरटीओ के क्षेत्र में ये चालान पैंडिंग होते हैं, उनका रिकॉर्ड भी खराब होता है.


कैसे हुआ पूरा खेल ?


  • परिवहन विभाग से सम्बद्ध निजी फिटनेस सेंटर पहुंचा रहे नुकसान

  • जयपुर व्हीकल फिटनेस एंड मेंटिनेंस सेंटर सीतापुरा ने किया कारनामा

  • जयपुर में पंजीकृत 2 ट्रकों के जारी किए फिटनेस प्रमाण पत्र

  • ट्रक संख्या RJ14-GK-9476 ताहिर पुत्र मोहर खान

  • ट्रक संख्या RJ14-GJ-1004 हकमुद्दीन पुत्र अजमत

  • जबकि दोनों ही ट्रकों के कई चालान चल रहे हैं पैंडिंग

  • ट्रक RJ14-GJ-1004 के राजस्थान RTO और हरियाणा में चालान पैंडिंग

  • ट्रक RJ14-GK-9476 के राजस्थान और यूपी में कई चालान पैंडिंग

  • इस तरह इन्हें परिवहन विभाग से नहीं मिल सकता TCC

  • लेकिन फिटनेस केन्द्र ने बगैर TCC देखे जारी कर दी फिटनेस

  • अब दोनों ट्रकों की सितंबर 2025 तक वैलिड दिख रही फिटनेस अवधि


बड़ी बात यह है कि निजी फिटनेस केन्द्र ने जिन दो ट्रकों के फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किए हैं, उनके आधा दर्जन से अधिक चालान बकाया हैं. इन चालान की राशि जमा कराई जाए तो परिवहन विभाग को 30 हजार से अधिक की राशि मिलती. किसी भी ट्रक संचालक को टीसीसी तभी मिल सकती है, जब उसके सभी चालान डिस्पोज किए जा चुके हों. बगैर टीसीसी देखे नियमानुसार किसी भी ट्रक का फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं बनाया जा सकता है, लेकिन इन दोनों ट्रकों के मामले में फिटनेस केन्द्र ने बगैर टीसीसी देखे ही फिटनेस प्रमाण पत्र जारी कर दिए हैं. बगैर टीसीसी देखे फिटनेस जारी करने के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं. 



दौलतपुरा स्थित तिरुपति ऐसोसिएट्स फिटनेस केन्द्र को लेकर भी जयपुर आरटीओ द्वितीय ने रिपोर्ट दी थी कि करीब 700 वाहनों की बगैर टीसीसी देखे ही फिटनेस जारी कर दी गई थी. इससे परिवहन विभाग को 70 हजार रुपए का सीधा नुकसान और बकाया चालान के पेटे लाखों रुपए नुकसान हुआ है. हालांकि परिवहन विभाग ने अभी तक उस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं की है. देखना होगा कि परिवहन विभाग को राजस्व में नुकसान पहुंचा रहे इन फिटनेस केन्द्रों पर परिवहन विभाग क्या कार्रवाई करता है ?


Reporter- Kashiram Choudhary


यह भी पढ़ें...


किस उम्र तक पिता बन सकते हैं पुरुष...?