Jaipur: प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आज यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और उद्योग मंत्री शकुन्तला रावत ने जनसुनवाई की. अन्य दिनों की अपेक्षा आज जनसुनवाई में ज्यादा लोग आए. उधर जनसुनवाई में भीलवाड़ा के शाहपुरा से आए पार्षदों का हंगामा देखने को मिला. पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल नगरपालिका चेयरमैन और अधिशासी अधिकारी की शिकायत लेकर आया था.


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शिकायत के दौरान मंत्री शांति धारीवाल के रुख से पार्षद नाराज हो गए और हंगामा किया. बाद में मंत्री शकुन्तला रावत ने पार्षदों से अलग से बात कर मामले को शांत कराया. पार्षदों का कहना है कि मंत्री शांति धारीवाल ने पिछले एक साल से मामले को ठंडे बस्ते में डाल रखा है और कार्रवाई नहीं की जा रही है.


उन्होंने यह भी कहा कि धारीवाल सुनवाई नहीं करते हैं. पार्षदों का कहना है कि भाजपा से ताल्लुक रखने वाले चेयरमैन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं और एसीबी द्वारा जांच की जा रही है लेकिन विभाग द्वारा इसकी जांच नहीं करवाई जा रही. वहीं अधिशासी अधिकारी को हटाने की मांग भी नहीं मानी जा रही. पार्षदों ने आरोप लगाया कि मंत्री शांति धारीवाल भाजपा विधायक कैलाश मेघवाल के कहे अनुसार कार्य कर रहे हैं. उधर जनसुनवाई के बाद मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि ज्यादातर शिकायतें प्रशासन शहरों के संग अभियान और पट्टे नहीं मिलने सम्बन्धी आई हैं.


पीसीसी में जनसुनवाई के दौरान आज देवस्थान विभाग के किराएदारों का प्रतिनिधिमंडल देवस्थान मंत्री शकुन्तला रावत से मिला. किराएदारों की मांग है कि नई किराया नीति को निरस्त कर पुरानी किराया नीति ही लागू की जाए. उन्होंने कहा कि पुरानी किराया नीति 2020 में लागू की गई थी जिसके तहत 3 साल में 15 प्रतिशत किराया बढ़ रहा था. इस नीति से सभी खुश थे लेकिन अब 2021 से भाजपा राज में साल 2016-17 में बनी पॉलिसी लागू की गई है जिससे किराएदारों के भूखे मरने की नौबत आ गई है. इस नीति से बढे हुए किराये पर भी 300 प्रतिशत किराया वृद्धि हो गई है. उधर देवस्थान मंत्री शकुन्तला रावत ने कहा कि नई नीति लागू करने का फैसला चूंकि कैबिनेट में हुआ था लिहाजा सभी से चर्चा के बाद इस बारे में फैसला लिया जाएगा.


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