Rajasthan Politics: प्रदेश में नए जिलों को लेकर एक बार फिर सियासी तकरार शुरू हुई. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने छह से सात जिले समाप्त करने की बात कह कर सनसनी मचा दी. हालांकि अब उन्होंने अपने बयान पर दोबारा प्रतिक्रिया दी है.


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मदन राठौड़ ने अपने बयान से मुंह मोड़कर यू-टर्न ले लिया है. मदन राठौड़ ने बयान देते हुए कहा,' मैनें तो यूं ही बोल दिया था. इस फैसले में दखल देने वाले हम कोई नहीं हैं.'' राठौड़ के बयान के बाद सियासी गलियारों में चर्चा हो रही है कि कांग्रेस के नए जिलों की घोषणा में बीजेपी अब कोई भी हस्तक्षेप नहीं करना चाहती है.



बता दें कि बीजेपी आईटी सेल का कार्यकर्ता बता रहे युवक ने राठौड़ से पूछा- सर, क्या सांचौर जिले को रद्द कर रहें हैं? इस पर राठौड़ ने कहा कि हम इसमें दखल नहीं देते, आप चिंता मत करो. ये फैसला उनकी सरकार का नहीं था. कांग्रेस ने यह जो फैसला लिया था तो उस समय के लिए बोला था. अब बात खत्म हो गई है. उन्होंने कहा कि हम इस मामले में निर्णय करने वाले कोई नहीं हैं.



गौरतलब है कि प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार ने जाते जाते 17 नए जिले बनाए थे. भाजपा की भजनलाल सरकार ने इन 17 नए जिलों के रिव्यू के लिए 12 जून को उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा के संयोजन में एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति गठित की थी. मंत्रिमंडलीय उप समिति के सहयोग के लिए पूर्व आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता में एक हाई लेवल एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था, कमेटी ने 30 अगस्त को सरकार को रिपोर्ट सौंप दी .
 
सूत्रों के मुताबिक पंवार कमेटी ने कई छोटे जिलों को जिले के मापदंडों के हिसाब से सही नहीं माना है. कई जिलों को प्रशासनिक जरूरत, दूरी के हिसाब से उपयुक्त नहीं माना है, कमेटी ने सीधे तौर पर जिले खत्म करने की सिफारिश नहीं की है, लेकिन मापदंडों पर खरा नहीं उतरने का जिक्र करके तथ्यात्मक ब्यौरा दे दिया है.