राजस्थान में आसान नहीं होगी राहुल की यात्रा, 4 विभागों के संविदा कर्मियों ने दिखाए तेवर
राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के प्रवेश करने से पूर्व ही संविदा कर्मियों ने एक बड़े आंदोलन की घोषणा करने से सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. प्रदेश के संविदाकर्मियों ने एक बार फिर सरकार की कार्यशैली पर नाराजगी जताई है.
राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के प्रवेश करने से पूर्व ही संविदा कर्मियों ने एक बड़े आंदोलन की घोषणा करने से सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. प्रदेश के संविदाकर्मियों ने एक बार फिर सरकार की कार्यशैली पर नाराजगी जताई है. संविदाकर्मियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जगह-जगह मुलाकात करते हुए सरकार की कार्यशैली से अवगत करवाने की रणनीति तैयार की है.
गौरतलब है कि जवाहर कला केंद्र में अल्प संख्यक विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, शिक्षा विभाग और ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के संविदाकर्मियों के प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता की. ,इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार ने संविदाकर्मियों के साथ वादाखिलाफी की है. जब कांग्रेस सरकार विधानसभा चुनाव लड़ रही थी तो उस दौरान पार्टी ने घोषणा पत्र में संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन, चार वर्ष का कार्यकाल गुजरने के बाद भी यह वादा पूरा नहीं किया है. गौरतलब है कि राजस्थान में इन चार विभागों के 1 लाख 10 हजार से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं,,,जबकि, सरकार की ओर से हाल ही में राजस्थान कॉन्ट्रैक्चूअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 के माध्यम से पुन: संविदाकर्मियों की पिछली नौकरी को शून्य मानते हुए अन्य परिलाभों में कटौती कर एक बार फिर संविदा पर ही रखने का निर्णय किया है,, जिससे सभी संविदाकर्मियों में भारी रोष है.
प्रेसवार्ता में मौजूद प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि कैबिनेट मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला की अध्यक्षता में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए सरकार ने एक कमेटी का गठन किया गया था. लेकिन, अभी तक उस कमेटी की रिपोर्ट लंबित है, ऐसे में कमेटी की रिपोर्ट के बिना ही संविदा कर्मचारियों के सर्विस रूल्स बनाए गए. जिसमें विगत 15 वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को किसी भी प्रकार का कोई भी लाभ नहीं दिया जा रहा है.