Rahul Gandhi PC In Jaipur:  भारत जोड़ो यात्रा पर बात करने के दौरान राहुल गांधी ने बेबाक अंदाज में अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि वे व्यक्तिगत तौर पर ऐसा मानते हैं कि नेताओं में अहंकार आ गया था. राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें लगता है कि पार्टी के नेता जनता से दूर हो गए थे. हालांकि कांग्रेस नेता ने इसमें खुद को भी शामिल करते हुए कहा कि वे ऐसा मानते हैं कि शायद यह दूरी उनमें भी आ गई थी. राहुल ने कहा कि नेताओं और जनता के बीच आई इसी दूरी को दूर करने के लिए वे यात्रा पर निकले.


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दर्द नहीं सहेंगे तो न समझ सकेंगे और न पास जा सकते
राहुल गांधी ने कहा कि नेताओं की जनता से जो दूरी बनी वो दूरी फिजीकल नहीं, बल्कि दर्द की दूरी है. वे बोले कि अगर हम दर्द नहीं सहेंगे तो समझ नहीं सकते और पास नहीं जा सकते. राहुल ने कहा कि 70-80 साल पहले जो राजनीति गांधीजी के समय हुआ करती थी, उसमें राजनेता जनता के बीच होता था. उसकी दूरी नहीं होती थी. लेकिन आज राजनेताओं के बीच में और जनता के बीच दूरी सी पैदा हो गई है. उन्होंने कहा कि शायद उस समय आज़ादी मिली थी और देश गरीब था तो नेताओं की अप्रोच अलग थी.


अध्यक्ष बनाम गैर अध्यक्ष दोनों अलग एक्सपीरियंस 
राहुल गांधी से जब यह पूछा गया कि अध्यक्ष रहते और उसके बाद उनके अनुभव और नज़रिए में क्या बदलाव आया तो उनका कहना था कि दोनों ही अलग एक्सपीरियंस थे. राहुल बोले कि हर जगह आप कुछ न कुछ सीखते हो और ऐसा ही इस मामले में भी है. राहुल ने कहा कि यात्रा से उन्हें व्यक्तिगत रूप से बहुत फायदा हुआ और काफी कुछ सीखने को मिला. राहुल गांधी बोले कि जो सड़क पर दिखता है और चलने से जो दिखता है वह बिल्कुल अलग होता है. उन्होंने कहा कि इसमें थोड़ी थकान और दर्द तो होता है लेकिन तब सुनने में सच्चाई अच्छी सुनाई देती है.


जब जनता दिल से बोलती है, तो अलग चीज समझ आती है


राहुल ने कहा कि जब सड़क पर चलते हैं तो वे लाखों लोगों से मिल रहे हैं, वन टू वन बात भी होती है और जब सड़क पर चलकर बात करते हैं, किसान से मिलते हैं तो वह इस बात को एकदम समझ लेता है कि जो व्यक्ति आया है, वह दर्द सहकर आया है. लोग समझते हैं कि कोई फालतू में नहीं आया है. जब लोग देखते हैं कि यह चलकर आया है, एक तरह से बोझ उठाकर आया है, तो वह दिमाग से नहीं बल्कि दिल से बोलते है. राहुल ने कहा कि जब हिन्दुस्तान की जनता दिल से बोलती है, तो अलग चीज़ समझ आती है.


जनता के प्यार को शब्दों में पिरोना मुमकिन नहीं 
राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा में सिर्फ वे ही नहीं बल्कि पार्टी के बहुत से लोग पैदल चले हैं. उन्होंने कहा कि इस यात्रा के अनुभव और जनता से मिले प्यार को समझाया नहीं जा सकता. वे बोले कि इसे शब्दों में पिरोना नामुमकिन है. राहुल गांधी ने देश की आम जनता की समझ और ज्ञान को लगाम करते हुए कहा कि जो ज्ञान आम नानगरिक में है वह खून-पसीना देने के बाद उसे आया है. वे बोले कि इस ज्ञान और प्यार का कोई मुकाबला ही नहीं है.


जो हुआ वह कांग्रेस के ट्रांसफॉर्मेशन के लिए अच्छा 
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने डीएनए की तरफ़ जा रही है. वे बोले कि जिस दिन कांग्रेस ने अपनी जड़ पकड़ ली, उस दिन कांग्रेस को कोई नहीं हरा सकता. उन्होंने कहा कि ​यह जो विचारधारा है, यह 10-15 साल पुरानी नहीं, बल्कि यह विचारधारा की लड़ाई तो हज़ारों साल पुरानी है. 


यह लड़ाई पहले भी थी, आज भी है और आगे भी रहेगी. राहुल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक सफर है. उन्होंने बीजेपी और आरएसएस पर संस्थानों पर कब्जे का आरोप लगाया. लेकिन साथ ही कहा कि बीजेपी और आरएसएस का आना भी कांग्रेस पार्टी के ट्रांसफॉर्मेशन के लिए अच्छा है.


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