Railway Recruitment News: उत्तर-पश्चिम रेलवे सहित देशभर के अलग-अलग जोन में रेलवे में बड़े स्तर पर भर्तियां की जा रही है.देशभर में करीब 10 हजार पदों पर रेलवे प्रशासन भर्तियां कर रहा है. वहीं, उत्तर-पश्चिम रेलवे में भी 438 पदों पर भर्ती के विज्ञापन जारी किए गए हैं. कैसे कर सकते हैं आवेदन.


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देश के 17 रेलवे जोन में लगभग 10 हजार रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किए गए हैं. सभी जोन को रेलवे बोर्ड ने अपने स्तर पर भर्तियां करने के निर्देश दिए हैं. उत्तर-पश्चिम रेलवे में भी इसे लेकर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है.


 रेलवे भर्ती कक्ष जयपुर की तरफ से 438 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला जा चुका है. उत्तर-पश्चिम रेलवे में सहायक लोको पायलट और तकनीशियन पदों के लिए भर्ती की जा रही है.



 रेलवे यूनियनों द्वारा लम्बे समय से रिक्त पड़े पदों पर भर्ती के लिए मांग की जा रही थी. नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्प्लॉइज यूनियन ने भर्ती किए जाने की मांग को लेकर रेलवे बोर्ड स्तर तक मांग उठाई थी.यूनियन के मंडल अध्यक्ष केएस अहलावत और मंडल मंत्री मुकेश चतुर्वेदी ने बताया कि रिक्त पदों को भरने की मांग को लेकर प्रदेश के अलग-अलग स्टेशनों पर लंबे समय से विरोध प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं.


अब रेलवे प्रशासन ने सहायक लोको पायलट के 309 पदों पर भर्ती करने का नोटिफिकेशन जारी किया है.वहीं, ट्रेन मैनेजर/गार्ड के 69, जूनियर इंजीनियर के 44 और टेक्नीशियन के 16 पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है.


उत्तर-पश्चिम रेलवे में भर्ती


- सहायक लोको पायलट और ट्रेन मैनेजर के पदों के लिए भर्ती
- 7 मार्च से हुई भर्ती के लिए आवेदन की सुविधा
- 22 मार्च की मध्यरात्रि तक कर सकेंगे आवेदन
- यह भर्ती रेलवे की आंतरिक प्रक्रिया, इसलिए आचार संहिता का असर नहीं
- मई में संभावित रूप से हो सकती है भर्ती के लिए परीक्षा
- जयपुर सहित चारों मंडलों, कारखानों में ग्रुप सी/डी के 1500 कर्मचारी होंगे सेवानिवृत्त
- जयपुर मंडल में 326 और मुख्यालय में 29 कर्मचारी होंगे सेवानिवृत्त


उत्तर पश्चिम रेलवे में सहायक लोको पायलट,ट्रेन मैनेजर/गार्ड,जूनियर इंजीनियर (जेई),टेक्नीशियन के खाली पड़े पदों पर यह भर्ती की जा रही है। इन पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. रेलवे यूनियन के जीएलओ अध्यक्ष सुभाष पारीक और सचिव राजीव सारण ने बताया कि पिछले साल जून में रेलवे बोर्ड ने खाली पदों को भरने के लिए होने वाली विभागीय परीक्षा (जीडीसीई) को सभी जोन में एकसाथ कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) के जरिए कराए जाने का निर्णय लिया था.


 लेकिन इसके करीब छह महीने बाद कोई परीक्षा आयोजित नहीं की गई. ऐसे में यूनियन के महामंत्री मुकेश माथुर ने जीएम अमिताभ और प्रिंसिपल सीपीओ प्रदीप कुमार सिंह के सामने इसका जबरदस्त विरोध किया. कर्मचारी संगठनों ने रेलवे बोर्ड स्तर पर भी इस मामले को उठाया था.