Jaipur: उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण ने बताया कि रेलवे प्रशासन द्वारा मानसून के दौरान रेलवे लाइन के उन खण्डों की पहचान की जाती है, जहां पानी और बाढ़ से नुकसान संभावित होता है. ऐसे रेलखण्डों में रेलवे कर्मियों द्वारा गश्त के लिए निर्देशित किया गया है.


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मानसून से पहले पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई
मानसून से पहले ही ऐसे इलाकों में पेट्रोलिंग बढ़ा दी है और ऐसी जगहों पर मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.पानी के बहाव क्षेत्र में आने वाले सभी रूकावटों को हटा दिए गए है. मानसून के दौरान चिन्हित गए खंडों में गश्त के लिए प्रशिक्षित पेट्रोलमैन (गश्ती दल) तैनात किए गए हैं.


पेट्रोलमैन अपने सेक्शन को पैदल गश्त करते है और मिट्टी बैठने, पुल पर खतरों के निशान से पानी का ऊपर बहने जैसे किसी भी खतरों को तुरन्त भांपते हुए कार्रवाई की जा सके. पहाड़ी खण्डों में दरारों, शिलाखंडों के गिरने और फिसलने की दशा में आवश्यकता पड़ने पर बचाव के लिए तुरंत कार्रवाई की जाती है. सभी गश्ती दल को जीपीएस ट्रैकर उपलब्ध कराए गए हैं, जिसका संबंधित नियंत्रको द्वारा उनके लाइव स्थानों की निगरानी की जाती है.


उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबन्धक विजय शर्मा के निर्देशानुसार एक व्यवस्थित और प्रभावी गश्त के लिए मंडल इंजीनियरों द्वारा ट्रेन की समय सारिणी को ध्यान में रखते हुए गश्त चार्ट तैयार किया गया है ताकि यात्री ट्रेनों को अधिकतम सुरक्षा मिल सके.


प्रति पेट्रोलमैन को आवश्यक उपकरण दिए जाते हैं. इसके अलावा एक पेट्रोल नोटबुक भी दी जाती है.जिसमें उसकी रिपोर्टिंग और आवाजाही का समय गश्त के दोनों सिरों पर अन्य व्यक्ति और अधिकारी द्वारा दर्ज किया जाता हैं. इन गश्ती कर्मियों के अलावा उत्तर पश्चिम रेलवे में 289 स्थानों पर स्टेशनरी चौकीदार 24 घंटे तैनात किए गए हैं, ताकि संवेदनशील पुलों, कटाई और सुरंग आदि स्थानों की सुरक्षा की जा सके.साथ ही बाढ़ के संभावित स्थानों पर आवश्यक संख्या में अतिरिक्त पंप उपलब्ध कराए गए हैं.


रेलवे ने आपदा विभगों से संपर्क बनाए हुए
अत्यधिक भारी बारिश के कारण वॉश आउट या ढलान के गठन के नीचे की किसी भी आवश्यकता को पूरा करने के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे में विभिन्न स्थानों पर बोल्डर और मिट्टी और गिट्टी के आवश्यक मात्रा में अतिरिक्त वैगन रखे गए हैं. मानसून काल में संभावित प्रभावित ट्रैक और कार्यों का संयुक्त निरीक्षण, रेलवे इंजीनियरों और राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा पहले ही पूरा कर लिया गया हैं.


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रेल नियंत्रण कार्यालय चौबीसों घंटे कार्यरत रहकर निरंतर निगरानी और साथ ही मौसम विभाग, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ और बाढ़ प्रवण क्षेत्रों में तैनात कर्मचारियों के साथ लगातार संपर्क बनाये रखता है.कैप्टन शशि किरण ने बताया कि रेलवे मानसून काल में यात्रियों की संरक्षित एवं सुरक्षित यात्रा के लिए कटिबद्ध है.मानसून पूर्व सावधानियों के संबंध में प्रत्येक संभाग में एक संगोष्ठी आयोजित कर अधिकारियों और पर्यवेक्षकों के साथ-साथ मेट और कीमैन व ट्रैकमैन सहित जैसे प्रमुख रेलकर्मियों को शिक्षित किया गया है.


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