Jaipur news: किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कृषि विभाग की ओर से कई पहल की जा रही है. एक तरफ जहां किसानों को अधिक मात्रा में कृषि उपकरण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है,वहीं किराए पर सस्ते उपकरण किसानों को उपलब्ध कराने के लिए कस्टम हायरिंग केंद्र बढ़ाए जा रहे हैं. इससे किसानों को कृषि कार्यों में मदद मिल रही है.


उपकरणों की खरीद में आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है


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कृषि विभाग की ओर से किसानों को कृषि कार्यों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कवायद जारी है, वित्त वर्ष 2023-24 की समाप्ति पर जारी आंकड़ों के मुताबिक न केवल किसानों को कृषि उपकरणों की खरीद में आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है,बल्कि उनकी मृदा की जांच.उन्हें सस्ती दरों पर कृषि उपकरण उपलब्ध कराने के लिए विभाग की तरफ से कवायद जारी है.


कृषि उपकरण खरीद के लिए सब्सिडी दी जा रही है


दरअसल पिछले वित्त वर्ष में किसानों के लिए कृषि विभाग ने अधिक संख्या में उपकरण खरीद के लिए लाभान्वित किया है.एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत किसानों को कृषि उपकरण खरीद के लिए सब्सिडी दी जा रही है.


इसमें किसानों को रोटावेटर,कल्टीवेटर सहित कई तरह के कृषि उपकरण खरीद के लिए सब्सिडी दी जाती है. पिछले वित्त वर्ष में उपकरण खरीद के लिए लाभान्वित किसानों की संख्या बढ़ी है.वहीं, बड़ी बात यह भी है कि कृषि विभाग कस्टम हायरिंग केंद्रों की संख्या बढ़ा रहा है. 


कस्टम हायरिंग केंद्रों पर किसानों को सस्ती दरों पर कृषि उपकरण किराए पर दिए जाते हैं. इन केन्द्रों पर ट्रैक्टर,ड्रोन से लेकर अन्य कृषि उपकरण किराए पर दिए जाते हैं. कस्टम हायरिंग केंद्र ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से शुरू किए जाते हैं.


इस तरह किसानों के लिए बढ़ा दायरा


- वित्त वर्ष 2022-23 में 60 हजार किसानों को उपकरण देने का था लक्ष्य
- कृषि उपकरण खरीद के लिए सब्सिडी देने का था लक्ष्य
- इसके विपरीत 21168 किसानों को उपकरण खरीद के लिए सब्सिडी दी गई
- वित्त वर्ष 2023-24 में 1 लाख किसानों को उपकरण के लिए था लक्ष्य
- इसके विपरीत 41483 किसानों को कृषि उपकरण के लिए सब्सिडी दी गई
- यानी एक वित्त वर्ष में करीब दोगुने किसान हुए लाभान्वित


- वित्त वर्ष 2022-23 में 600 कस्टम हायरिंग केन्द्र खोलने का था लक्ष्य
- ग्राम पंचायत स्तर पर 600 केन्द्र खोले जाने का था लक्ष्य
- इसके विपरीत 379 कस्टम हायरिंग केन्द्र शुरू किए गए
- वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में 900 कस्टम हायरिंग केन्द्रों का लक्ष्य था
- इसके विपरीत 491 कस्टम हायरिंग केन्द्र शुरू किए गए


किसानों के लिए मृदा की जांच को लेकर भी कृषि विभाग की ओर से विशेष कवायद जारी है.दरअसल मृदा जांच के आधार पर किसान अपनी पसंद की फसल की बुवाई कर सकते हैं. या फिर जरूरत पड़ने पर जमीन को जरूरत के मुताबिक पोषक तत्व देकर उपज बढ़ाई जा सकती है.इसके लिए कृषि विभाग किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड बनाने पर भी जोर दे रहा है.


सॉयल हेल्थ कार्ड की प्रगति क्या ?


- वित्त वर्ष 2022-23 में 7.20 लाख सॉयल हेल्थ कार्ड का था लक्ष्य
- इसके विपरीत 3.45 लाख किसानों के सॉयल हेल्थ कार्ड जारी किए गए
- वित्त वर्ष 2023-24 में 7.20 लाख के विपरीत 6.94 लाख सॉयल हेल्थ कार्ड बनाए
- वित्त वर्ष 2024-25 में भी 7.20 लाख सॉयल हेल्थ कार्ड बनाने का लक्ष्य


कुलमिलाकर कृषि विभाग की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि उन्हें जरूरत के मुताबिक उपकरण देकर,कस्टम हायरिंग केंद्रों से सस्ती दरों पर कृषि उपकरण किराए पर मुहैया करवाकर या फिर सॉयल हेल्थ कार्ड के जरिए उपज बढ़ाने के प्रयास किए जा सकें.


रिपोर्टर- काशीराम चौधरी


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