Jaipur News : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले आईसीसी के सदस्यों की लिस्ट जारी कर दी है. रविवार रात जारी की गई लिस्ट में राजस्थान से 75 सदस्यों के नाम शामिल हैं. इनमें से 55 सदस्य निर्वाचित और 20 को-आप्टेड हैं.


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24 फरवरी से रायपुर में होने वाले पार्टी के अधिवेशन में एआईसीसी के ये सदस्य शामिल हो सकेंगे. खास बात यह, कि इस लिस्ट में 25 सितंबर की घटना के मामले में एआईसीसी का नोटिस पाने वाले मंत्री शांति धारीवाल महेश जोशी और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ का नाम शामिल नहीं है.


एआईसीसी की नई लिस्ट में सबसे पहले पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, उसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, फिर विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी का नाम शामिल है. इसके साथ ही इस लिस्ट में सचिन पायलट, भंवर जितेंद्र सिंह,राजस्थान से एआईसीसी के 75 मेंबर हैं.


इनमें से 55 इलेक्टेड और 20 कॉ-ऑप्टेड मेम्बर हैं. केवल इलेक्टेड मेंबर को ही वोटिंग का अधिकार होता है. जबकि कॉ-ऑप्टेड मेंबर को वोटिंग का अधिकार नहीं होता.


पायलट कैंप के खुद सचिन पायलट और मंत्री मुरारीलाल मीणा कुलदीप इंदौरा बने हैं इलेक्टेड मेंबर. विधायक इंद्राज गुर्जर और पूर्व मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ भी पायलट कैंप के हैं. मोटे तौर पर कुल 75 में से 5 जगह पायलट कैम्प को मिली.


मंत्री शांति धारीवाल महेश जोशी और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को नहीं मिली जगह.अभिषेक मनु सिंघवी, पवन खेड़ा, धीरज गुर्जर, रघु शर्मा, हरीश चौधरी, संजीता सिहाग, दिव्या मदेरणा, जितेंद्र सिंह, जुबेर खान और मोहन प्रकाश दिल्ली कोटे से एआईसीसी सदस्य बने हैं


आपको बता दें कि कांग्रेस के 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 1300 एआईसीसी प्रतिनिधियों की सूची, जिससे सीडब्ल्यूसी का चुनाव किया जाता है. कांग्रेस की वर्किंग कमेटी यानी सीडब्ल्यूसी एक टॉप एग्जीक्यूटिव बॉडी है, जो पार्टी में सबसे ताकतवर है. कांग्रेस संविधान के तहत कार्य समिति के अध्यक्ष, संसदीय दल के नेता समेत सीडब्ल्यूसी में कुल 25 सदस्य हो सकते हैं. कार्य समिति के अध्यक्ष और संसदीय दल के नेता को छोड़कर 23 नेता सीडब्ल्यूसी में शामिल रहते हैं, जिनमें 12 नेताओं को एआईसीसी को चुना जाता है और 11 सदस्य को पार्टी अध्यक्ष नामित करते हैं.


सीडब्ल्यूसी के सदस्य को ही पार्टी कोषाध्यक्ष या फिर राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया जा सकता है. सीडब्ल्यूसी में नामांकित श्रेणी के प्रावधान का उद्देश्य महिलाओं, कमजोर वर्गों और अल्पसंख्यकों को जगह देना है, जो अक्सर प्रतियोगिता आयोजित होने पर सीडब्ल्यूसी में जगह बनाने में विफल रहते हैं. 


याद रहे कि कांग्रेस के इतिहास में सीडब्ल्यूसी का चुनाव तीसरी बार होगा और सोनिया गांधी के ढाई दशक की लीडरशिप में पहली बार होगा. 75 सालों में सिर्फ दो बार ही सीडब्ल्यूसी के चुनाव हुए और इन दोनों ही मौकों पर कांग्रेस पार्टी की कमान नेहरू-गांधी परिवार से बाहर के शख्स के पास रही.