Rajasthan Assembly proceedings: कुछ दिन पहले ही राजस्थान में सदन की कार्यवाही के दौरान शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) ने अपशब्दों का इस्तेमाल किया. इस मामले में अब उन्होंने सफाई दी है. शांति धारीवाल ने कहा कि मैं 40 साल से लगातार जनता के द्वारा सदन में भेजा जा रहा हूं.मैं आसान को सर्वोच्च मान कर चला हूं. अपमान करने की मेरी कोई दुर्भावना नहीं थी.


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शांति धारीवाल ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, '' संदीप शर्मा सभापति बने तब मैंने कहा था कि मैं ही सबसे ज्यादा खुश हूं कि संदीप शर्मा आसान पर विराजमान हैं. मेरी उनसे इसी प्रकार की बात चलती रहती है उन्होंने कभी मेरी बात का बुरा नहीं माना. उसे दिन उन्होंने मुझे बोलने से रोक तो मुझे लगा कि संदीप जी आसन पर नहीं मेरे सामने बैठे तब इस प्रकार से मेरे से अपशब्द निकल गए. मैं खुद मानकर चलता हूं कि वह मेरी गलती थी स्वीकार करता हूं लेकिन वह बात मजाक में थी. सदन में उत्तेजना से भी बात होती है मजाक में भी बात होती है और भवावेश से भी बात होती है.संदीप जी ने मेरी किस बात का बुरा नहीं माना होगा और यदि उन्हें बुरा लगा हो तो मैं माफी मांगता हूं.''



वहीं विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि अब संदीप जी से नहीं जो बात सदन में बोली उसके लिए माफी मांगे. शांति धारीवाल ने कहा जो मेरे द्वारा कहा गया उस बात के लिए मैं खेद प्रकट करता हूं. सदन से माफी मांगता हूं. 



वासुदेव देवनानी ने कहा, '' मुझे बहुत बुरा लगा. सदन को मर्यादित बनाना है. ''  उन्होंने कहा कि परेशान हैं तो घर पर बैठिए सदन में परेशानी में बोलने की आवश्यकता नहीं है. देवनानी ने कहा कि मेरी मंशा थी कि ऐसे आचरण के बाद 4 साल तक सदन की सदस्यता रहने का हक नहीं है लेकिन सदस्यों से चर्चा के बाद वह आज और कल सदन में आएंगे लेकिन कार्रवाई में शामिल नहीं होंगे.



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