Jaipur News: जलदाय विभाग में देर रात बड़ा फेरबदल हुआ, लेकिन रीजन्स के अतिरिक्त चार्ज को छेड़ना पीएचईडी ने जरूरत नहीं समझा. PHED में 70 प्रतिशत रीजन अतिरिक्त चार्ज पर चल रहा है. ऐसे में सवाल ये कि आखिर जलदाय विभाग में इतना चार्ज क्यों ?


जलदाय महकमा, सवाल बडे़


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जलदाय मंत्री महेश जोशी के निर्देश के बाद में कल देर रात जलदाय महकमे में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया. 81 इंजीनियर्स जिसमें एसई,एक्सईएन,एईएन,जेईएन के तबादले किए गए लेकिन जलदाय विभाग में रीजन के मुखियाओं को छेड़ना उचित नहीं समझा. राजस्थान के 10 में से 7 संभागों में अधीक्षण अभियंताओं को ही अतिरिक्त चार्ज दे रखा है.यहां तक की राजधानी जयपुर दो साल से अतिरिक्त चार्ज दे रखा है.यहां कोई रेगुलर एडिशनल चीफ इंजीनियर ही नहीं है.


मंत्री जी ! फेरबदल तो हुआ,रीजन्स अब भी चार्ज पर



नाम                   कहां पोस्टिंग            कहां का चार्ज
पारितोष गुप्ता       SE भीलवाड़ा           अजमेर रीजन
शरद माथुर          SE प्रोजेक्ट चूरू        बीकानेर रीजन
सुनील गर्ग           SE बांसवाड़ा             उदयपुर रीजन
दिनेश नागौरी      SE प्रोजेक्ट पाली          जोधपुर 1
भरत सिंह          SE बाडमेर प्रोजेक्ट        जोधपुर 2
परशुराम           SE करौली                  भरतपुर रीजन
अजय सिंह राठौड़      SE जयपुर नॉर्थ      जयपुर रीजन


ED की पूछताछ, छुट्टी पर चीफ साहब


नए संभाग बांसवाड़ा,सीकर,पाली में SE को ही अतिरिक्त चार्ज दे रखा है.भरतपुर प्रोजेक्ट के ACE का SE धौलपुर HK अग्रवाल को चार्ज दिया हुआ है.मेहरबानिया रीजन में नहीं,बल्कि दूसरी सीटों पर जमकर बरकरार है.चीफ इंजीनियर केडी गुप्ता क्वालिटी कंट्रोल के साथ CE शहरी की जिम्मेदारी संभाल रहे है.


ये भी पढ़ें- Rajasthan Election 2023: CM अशोक गहलोत का महिलाओं को बड़ा तोहफा, बसों के किराये में 90 प्रतिशत की छूट


हाल ही में ईडी की पूछताछ के बाद से केडी गुप्ता छुट्टी पर चल रहे.चीफ इंजीनियर आरके मीणा को चीफ इंजीनियर ग्रामीण के साथ CE जेजेएम का चार्ज दे रखा है.बीसलपुर प्रोजेक्ट के अधीक्षण अभियंता सतीश जैन को WSSO डायरेक्टर की जिम्मेदारी दे रखी है. इतना ही नहीं कई सर्किल,कई डिविजन में अधीक्षण अभियंता और अधिशाषी अभियंता को डबल चार्ज दे रखा है.


दो साल बाद याद आए खाली पद


कल ही विभाग ने प्रतिनियुक्ति निरस्त कर इंजीनियर्स को एपीओ किया गया.कारण बताया कि पीएचईडी में काफी पद खाली पडे है.लेकिन क्या जलदाय मंत्री महेश जोशी और विभाग को दो साल से याद नहीं आए कि विभाग में रिक्त पद है? डेढ़ साल से घर बैठे एपीओ इंजीनियर्स क्यों पोस्टिंग नहीं दी गई थी.क्या विभाग को इंजीनियर्स की कमी नहीं खल रही थी. प्रमोशन के बाद बहुत से इंजीनियर घर बैठे-बैठे अपनी नियुक्ति का इंतजार ही करते रहे और चार्ज वालों पर जलदाय विभाग की मेहरबानी चलती रही.