Jal Jeevan Mission: देश में 2019 से प्रत्येक ग्रामीण इलाकों के हर घर में पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हर घर नल योजना की शुरूआत हुई. राजस्थान ने उसी वर्ष से जल जीवन मिशन मिशन को साकार करने के लिए अपने कदम आगे बढाए. अब इस मिशन के आखिर साल में नए लक्ष्यों और नई उम्मीदों के साथ लाखों गांवों-ढाणियों तक पानी पहुंचेगा.


14 लाख परिवारों तक पहुंचा पेयजल


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राजस्थान में जल जीवन मिशन की शुरूआत भले ही सुस्त रही हो, लेकिन अब इस मिशन को दुरूस्त करने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड रही. इसी का नतीजा है पिछले वित्तीय वर्ष में 10 गुना तेजी से जल कनेक्शन हुए.जब से इस मिशन की शुरूआत हुई तब से 2022-23 में राज्य में सबसे ज्यादा कनेक्शन हुए. पिछले वित्तीय वर्ष में 14 लाख से ज्यादा नल के जरिए पीने का पानी पहुंचा. अब राजस्थान को इस वित्तीय वर्ष में 26 लाख 40 हजार घरों तक जल कनेक्शन का लक्ष्य मिला है. अब तक कुल उम्मीद है कि इस साल जल जीवन मिशन में प्रदेश पहले के सभी रिकार्ड तोडे़. हर घर तक राहत पहुंचाने का काम करेगा.


जेजेएम में अब तक का सफर


वर्ष     लक्ष्य      कनेक्शन हुए
2019-20  लक्ष्य नहीं मिला  1,02,169
2020-21  20 लाख   6,80,883
2021-22 30 लाख     5,80,030
2022-23 32.64 लाख  14,13,246
2023-24  26.40 लाख  2 दिन में 8912

                                                                                         कुल    1,07,84,535 39,17,371
                    


टॉप 5 जिले,जिन्हें मिली शाबाशी


जल जीवन मिशन में टॉप 5 जिलों को मंत्री महेश जोशी और एसीएस सुबोध अग्रवाल की शाबाशी मिली.जिसमें सबसे उपर हनुमानगढ का नाम है.हनुमानगढ में 58.43 प्रतिशत,गंगानगर में 58.23 प्रतिशत,राजसमंद में 55.33 प्रतिशत,भीलवाडा में 54.25 प्रतिशत,नागौर में 54.01 प्रतिशत प्रगति हुई है.


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पीछे रहने वाले जिलो को मिलेगी चार्जशीट


जेजेएम में लापरवाही जिलों के जिम्मेदार एसई को विभाग चार्जशीट देगा. ​इस मिशन में सबसे फिसड्डी जैसलमेर रहा. इन जिले में 13.04 प्रतिशत ही कनेक्शन हो पाए. इसके अलावा बाडमेर में 13.67 प्रतिशत, डूंगरपुर में 16.77 प्रतिशत, प्रतापगढ में 17.49 प्रतिशत, बाडमेर में 19.76 फीसदी ही कनेक्शन हो पाए.