Jaipur News: 10 जुलाई को राज्य का बजट आने वाला है. इस बार किसानों को बजट में काफी उम्मीदें हैं. कृषि आदानों की उपलब्धता से लेकर उनकी उपज का सही मूल्य मिलने की उम्मीदें जताई जा रही हैं. क्या हो सकता है एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए बजट में, पढ़िए.


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पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने 2 साल तक अलग से कृषि बजट लाने की घोषणा तो की थी, लेकिन यह अलग घोषित होने के बजाय राज्य के बजट का ही एक हिस्सा था. इसे कृषि मंत्री द्वारा पढ़े जाने का नवाचार भी लागू नहीं हो सका था. अब राज्य में भाजपा सरकार की भी अलग से कृषि बजट लाने की कोई योजना नहीं है. हालांकि 10 जुलाई के राज्य के बजट में किसानों के लिए काफी घोषणाएं होने की उम्मीद है. 



दरअसल पिछली सरकार द्वारा प्रमुखता से उठाए जाने के चलते पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना यानी ईआरसीपी को लेकर बजट में अच्छा फंड दिया जाना संभव है. इसकी क्रियान्विति तेज गति से की जाएगी. हालांकि किसान प्रमुख रूप से उनकी फसल को सही मूल्य मिलने की उम्मीद जता रहे हैं. किसानों के उत्थान के लिए पिछली सरकार ने जहां एक दर्जन नए मिशन लागू किए थे, जिनमें किसानों को सही आदान उपलब्ध कराने, किसानों को फसल बोने से लेकर काटने और सुरक्षा के लिए अलग-अलग मिशन लागू किए गए थे. इन्हीं मिशनों के तहत परियोजनाओं में फंड बढ़ाए जाने की संभावना है. किसानों के सुझावों और जरूरतों से जुड़ी बजट को लेकर प्रमुख मांगें कृषि विभाग ने राज्य सरकार को भिजवा दी हैं.



बजट में किसानों की क्या हैं प्रमुख उम्मीदें ?
- किसानों की उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाए.
- राजस्थान में बाजरा, मूंग, सरसों, जौ के लिए एमएसपी आवश्यक रूप से लागू हो
- सिंचाई के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना की शीघ्र क्रियान्विति हो
- किसानों की उपज को गोदाम में रखने के लिए पंचायत स्तर पर व्यवस्था हो
- कोल्ड स्टोरेज भी बनें, उपज रखने पर किसानों को लोन दिए जाने का प्रावधान हो
- ग्राम सेवा सहकारी समितियों में खरीद केन्द्र बनें, जिससे किसान बिक्री के लिए परेशान न हों
- खरीद करने वाली ग्राम सहकारी समितियों को गौण मंडी घोषित किया जाए
- किसानों के लिए बिजली कनेक्शन की लंबित मांगों का समयबद्ध निस्तारण हो
- गांवों में लघु एवं कुटीर उद्योग प्रोत्साहन के लिए नीति बनाई जाए
- सिलाई, बुनाई, लोहा, लकड़ी, मिट्टी, धातु, कपास, जूट से जुड़े छोटे काम शुरू हों
- गेहूं की खरीद में मध्यप्रदेश की तर्ज पर ई-उपार्जन प्रणाली लागू की जानी चाहिए
- बेसहारा पशुओं से होने वाले फसल नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति का प्रावधान हो
- प्राकृतिक आपदाओं से फसल नुकसान पर सहायता राशि प्रति हैक्टेयर 50 हजार रुपए हो



क्या है किसानों की प्रमुख मांग
किसानों की प्रमुख मांग यह है कि जिन जिलों में अभी तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, उनके लिए पुरानी परियोजनाओं को धरातल पर लागू किया जाए. किसानों के बच्चों को पढ़ाने के लिए पिछले लेखानुदान में घोषणा की गई थी, उसे बजट में और विस्तार दिया जा सकता है.



कृषि योजनाओं में क्या घोषणा होना संभव ?
- बजट में करीब 5 हजार डिग्गी निर्माण के लिए अनुदान दिया जाना संभव
- करीब 25 हजार फार्म पॉण्ड बनाने के लिए अनुदान की घोषणा संभव
- 8 हजार किमी पाइप लाइन बिछाने के लिए दिया जा सकता अनुदान
- करीब 25 हजार किमी कृषि भूमि पर तारबंदी किए जाने के लिए घोषणा संभव
- करीब 1 हजार नए कस्टम हायरिंग सेंटर को धरातल पर लाना संभव
- करीब 15 लाख किसानों को रबी फसलों के लिए मिनी किट की घोषणा संभव
- गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना में ब्याज मुक्त ऋण में बढ़ोतरी किया जाना संभव



नंदीशाला और ग्राम गौशाला योजनाओं को लेकर विस्तार दिए जाने की उम्मीद
बजट में गोपालन विभाग को भी गौशालाओं को लेकर फंड बढ़ाए जाने की उम्मीद है. दरअसल गौशालाओं में 9 माह तक का अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा है. बजट में नंदीशाला और ग्राम गौशाला योजनाओं को लेकर विस्तार दिए जाने की उम्मीद है.