Jaipur news: राज्य सरकार के लिए राजस्व जुटाने वाले 5 प्रमुख विभागों के आंकड़े सामने आ गए हैं. परिवहन विभाग और खान एवं पेट्रोलियम के अलावा 3 बड़े विभाग राजस्व अर्जन के मामले में कमजोर रहे हैं. हालांकि कुलमिलाकर राज्य सरकार के इन 5 विभाग ने 1 लाख करोड़ से अधिक का राजस्व जुटाया है. 


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राज्य सरकार के लिए राजस्व लाने वाले 5 प्रमुख विभागों में इस बार परिवहन विभाग का दबदबा रहा है. परिवहन विभाग एकमात्र ऐसा विभाग है, जिसने दिए गए राजस्व लक्ष्य का करीब 95 फीसदी राजस्व अर्जित कर लिया है. अन्य सभी विभागों की परफॉर्मेंस 90 प्रतिशत या उससे कम रही है.


दरअसल राज्य सरकार के लिए राजस्व अर्जन करने के लिहाज से 5 प्रमुख विभाग शामिल हैं. इन विभागों में सबसे अधिक राजस्व लक्ष्य वाणिज्य कर विभाग का रहता है. इसके बाद आबकारी, स्टांप एवं पंजीयन, खान-पेट्राेलियम और परिवहन विभाग राजस्व अर्जित करने वाले विभागों में शामिल हैं.


वित्त वर्ष 2023-24 की समाप्ति पर जारी आंकड़ों में सामने आया है कि राजस्व के लिहाज से सबसे बेहतर परफॉर्मेंस परिवहन विभाग की रही है. औसत के हिसाब से परिवहन विभाग आगे है, जबकि आंकड़ों के हिसाब से वाणिज्य कर विभाग आगे रहा है. दरअसल राज्य सरकार ने इन 5 विभागों को वित्त वर्ष 2023-23 में कुल 1 लाख 22 हजार करोड़ रुपए का टारगेट दिया था, इसमें से इन विभागों ने कुलमिलाकर 1 लाख 4 हजार करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है.



राजस्व विभागों का रिपोर्ट कार्ड


- वाणिज्य कर विभाग का 77203.50 करोड़ लक्ष्य, प्राप्त किए 64413.15 करोड़


- आबकारी का 15500 करोड़ लक्ष्य, अर्जित किए 13220.10 करोड़

- रजिस्ट्रेशन एंड स्टाम्प का 10300 करोड़ लक्ष्य, 9280.95 करोड़ प्राप्ति


- खान-पेट्रोलियम का 12 हजार करोड़ लक्ष्य, 10881.82 करोड़ अर्जित


- परिवहन का 7100 करोड़ लक्ष्य, 6700.17 करोड़ प्राप्ति


- 122103.50 करोड़ रुपए था राज्य सरकार का कुल लक्ष्य


- इसमें से 104496.19 करोड़ रुपए रहा अर्जित राजस्व


राजस्व लक्ष्य की समीक्षा में यह सामने आया है कि इस बार विभागों की परफॉर्मेंस अपेक्षित रूप से उतनी बेहतर नहीं रही है. वाणिज्य कर विभाग और आबकारी विभाग को जो अचिवेबल टारगेट दिए गए थे, उनकी तुलना में ये दोनों प्रमुख विभाग पीछे रहे हैं. उदाहरण के तौर पर आबकारी विभाग का पहले राजस्व लक्ष्य 17 हजार कराेड़ रुपए था, लेकिन जब प्राप्ति नहीं होती दिखी तो राज्य सरकार ने इसे घटाकर अचीवेबल टारगेट मात्र 13500 करोड़ रुपए कर दिया था. बड़ी बात यह रही है कि आबकारी विभाग अचिवेबल टारगेट की तुलना में भी पीछे रहा है.



अचिवेबल टारगेट की तुलना में कैसी परफॉर्मेंस ?


- वाणिज्य कर विभाग की परफॉर्मेंस 99.45 फीसदी


- आबकारी विभाग की परफॉर्मेंस 97.93 प्रतिशत


- रजिस्ट्रेशन एंड स्टांप ने प्राप्त किए 103.12 प्रतिशत


- खान एवं पेट्रोलियम का अर्जन 100.76 प्रतिशत


- परिवहन विभाग ने अचिवेबल टारगेट से 103.08 प्रतिशत ज्यादा अर्जित किया