Rajasthan - मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि जल जीवन मिशन को राजस्थान में मिशन मोड पर संचालित किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा अनुसार सभी पात्र परिवारों को नल से जल देना सुनिश्चित किया जाएगा.


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सीएम भजनलाल शर्मा बुधवार को केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में जल जीवन मिशन एवं स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा बैठक को सम्बोधित किया. उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत ‘हर घर जल-हर घर नल’ के सपने को साकार करने के लिए चल रहे प्रोजेक्ट्स को गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ पूरा करने के निर्देश दिए. 


46 फीसदी परिवारों को ही मिला नल कनेक्शन


बैठक में सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि, पिछले सरकार के कार्यकाल में मिशन के कार्य में अपेक्षित प्रगति नहीं हो सकी, जिससे यहां जल जीवन मिशन में 46 फीसदी परिवारों को ही नल कनेक्शन मिल पाया. हमारी सरकार द्वारा मिशन की नियमित समीक्षा की जाएगी, साथ ही मिशन में अनियमितता बरतने वाले जिम्मेदार ठेकेदार एवं अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


 



 जेजेएम में केन्द्र का हिस्सा बढ़ाने का किया आग्रह 


मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन के कार्यों को अभियान रूप में संचालित करते हुए जिला कलक्टर्स को एडीएम स्तर के अधिकारी के जरिए इसकी प्रगति की नियमित मॉनिटरिंग करवाने के निर्देश दिए.


 उन्होंने  आगे कहा कि, जल जीवन मिशन के तहत होने वाले कार्यों का फील्ड में जाकर निरीक्षण करें, जिससे वास्तविक कार्य और वस्तुस्थिति के बारे में स्थिति स्पष्ट हो सके.  मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन एवं स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए पंचायती राज विभाग को विशेष ग्राम सभाएं आयोजित करने के भी निर्देश  किए. 


मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री से प्रदेश के रेगिस्तानी जिलों में बिखरी हुई आबादी, जल स्रोत से आबादी क्षेत्रों की ज्यादा दूरी, उच्च एफएचटीसी कोस्ट को ध्यान में रखते हुए राजस्थान के हित में फंडिग पैटर्न 50: 50 के स्थान पर रियायत देते हुए 90: 10 करने का आग्रह भी किया.


जल जीवन मिशन से स्वच्छ पेय 


केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि, जल जीवन मिशन का उद्देश्य देश के सभी ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन के जरिये नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में निर्धारित गुणवत्ता का पेयजल मुहैया करवाना है.


 जल जीवन मिशन से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति में बड़ा बदलाव आया है. वर्ष 2019 तक देश में मात्र 16 फीसदी परिवारों के पास ही नल कनेक्शन थे, जबकि जल जीवन मिशन आने के बाद करीब 75 प्रतिशत परिवारों को नल से पानी की आपूर्ति की जा रही है.  उन्होंने प्रदेश में जेजेएम के अन्तर्गत कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग और पानी की चोरी रोकने के लिए विशेष कार्य किए जाने पर बल दिया.


मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जेजेएम की प्रगति के संबंध में जिला कलक्टर्स को साप्ताहिक एवं संभागीय आयुक्त को पाक्षिक रूप से समीक्षा करने के निर्देश दिए.  उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव कार्यालय स्तर पर मिशन की मासिक स्तर पर समीक्षा की जाएगी. सीएस पंत ने लम्बित टेंडर्स की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने के भी निर्देश दिए.


स्वच्छ भारत मिशन को पूरा करने के लिए दिए निर्देश 


समीक्षा बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विभिन्न जिलों के कलक्टर्स से स्वच्छ भारत मिशन की अब तक की प्रगति और इसमें आ रही बाधाओं के हल के बारे में फीडबैक भी लिया. 


उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे चरण की प्रगति की समीक्षा करते हुए, जिला कलक्टर्स को समस्त गांवों को ओडीएफ प्लस की श्रेणी में लाने के लिए अभियान चलाने और सघन निगरानी के निर्देश दिए.


 उन्होंने कहा कि गांवों में स्वच्छता संबंधी कार्यों का असर धरातल पर दिखाई देना चाहिए. उन्होंने कहा कि अधिकतम गांवों को ओडीएफ प्लस की उत्कृष्ट श्रेणी में लाने के लिए कार्य किए जाएं.


जोधपुर की जोजरी नदी का होगा कायाकल्प 


मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस दौरान केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री को बताया कि जोधपुर में जोजरी नदी को दूषित पानी के नालों से मुक्ति दिलाने, साफ-सफाई एवं इसके सौंदर्यीकरण के लिए राज्य सरकार की ओर से 353 करोड़ रूपए की डीपीआर नमामि गंगे परियोजना के अन्तर्गत केन्द्र सरकार को भिजवाई गई है. 


इसमें जोधपुर शहर के कई नालों से नदी में आने वाले गंदे पानी के डायवर्जन, झालामण्ड एवं नान्दड़ी क्षेत्र में नये एसटीपी प्लांट के निर्माण, नान्दड़ी एवं सालवास के मौजूदा एसटीपी प्लांट को जाने वाली पुरानी एवं जर्जर पाईप लाइनों को बदलने और मौजूदा सीईटीपी के अपग्रेडेशन के कार्य किए जाएंगे.


ये रहे मौजूद
इस दौरान केन्द्रीय एवं राज्य के अधिकारियों द्वारा जल जीवन मिशन एवं स्वच्छ भारत मिशन के संबंध में प्रेजेंटेशन भी दिया गया. पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव विनी महाजन, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता, शासन सचिव पीएचईडी समित शर्मा, शासन सचिव पंचायती राज रवि जैन सहित जल शक्ति मंत्रालय सहित राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे.