Jaipur News: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्व विभाग जमीनों से संबंधित प्रकरणों के निस्तारण में तेजी लाएं ताकि आमजन को त्वरित एवं सुलभ न्याय मिल सके. उन्होंने विभाग के कामकाज के तरीके को और बेहतर बनाने के लिए वर्तमान नियमों में यथासंभव संशोधन करने और सरलीकरण के निर्देश भी दिए.


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मुख्यमंत्री मंगलवार को सीएमओ में राजस्व एवं उपनिवेशन विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पटवारी, गिरदावर, नायब तहसीलदार समेत रेवेन्यू सिस्टम की जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए राजस्व संबंधी प्रकरणों का एक निश्चित समयावधि में निस्तारण तय किया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने रेवेन्यू अपीलेट ऑथोरिटी की कार्यप्रणाली की विस्तृत समीक्षा करते हुए इसके सुचारू संचालन के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को एक कार्ययोजना प्रेषित करने के निर्देश भी दिए.



नियम विरूद्ध जमीन आवंटन पर हो सख्त कार्रवाई -
सीएम भजनलाल ने पूर्ववर्ती सरकार के समय में नियम विरूद्ध किए गए जमीन आवंटन के मामलों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए. साथ ही, उन्होंने कहा कि पयर्टन एवं एग्रो प्रोसेसिंग जैसे प्रोजेक्ट के लिए निःशुल्क ऑनलाइन डीम्ड कन्वर्जन के सुसंगत नियम बनाए जाएं.... ताकि वर्तमान में मिल रही कन्वर्जन छूट का दुरूपयोग न हो. मुख्यमन्त्री ने वन प्रत्यावर्तन के क्रम में गैर वन भूमि के शीघ्र आवंटन के लिए एक लैण्ड बैंक स्थापित करने के निर्देश भी दिए हैं.



आरएएलएएमएस पोर्टल पर उपलब्ध हो बड़े भू-भागों की सूची -
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 9 से 11 दिसम्बर, 2024 तक जयपुर में ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ का आयोजन करने जा रही है. इस आयोजन से निवेश का नया वातावरण तैयार होगा और प्रदेश का औद्योगिक परिदृश्य में बदलाव आएगा. उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को भूमि आवंटन पोर्टल यानि RALAMS पर बड़े भू-भागों की सूची मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं. जिससे इच्छुक निवेशक को उद्योग लगाने में सुविधा मिल सके.


भू-संपरिवर्तन के प्रकरणों का निस्तारण का घटा समय -
मुख्यमन्त्री ने कहा कि आवेदकों को त्वरित सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से नामांतरण पोर्टल एवं रेवेन्यू लैण्ड कन्वर्जन पोर्टल संचालित किए जा रहे हैं. लैण्ड कन्वर्जन पोर्टल पर वर्तमान में 1 अप्रैल 2024 से भू-संपरिवर्तन के प्रकरणों का निस्तारण समय 16 दिन है, जो कि 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक 35 दिन था. उन्होंने राजस्व मण्डल एवं कर बोर्ड के एकीकरण, डीआईएलआरएमपी के अन्तर्गत राजस्व रिकॉर्ड के कम्प्यूटरीकरण की स्थिति, मॉर्डन रिकॉर्ड रूम, राजस्थान रेवेन्यू कोर्ट मॉर्डनाइजेशन सिस्टम एवं इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में आवंटन आदि की विस्तृत समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए.



किसान खुद कर रहे गिरदावरी 
उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग सूचना तकनीक एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से काश्तकारों को सुविधाएं उपलब्ध कराने में नवाचार कर रहा है, जिसके माध्यम से किसानों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ भी मिला है. उन्होंने कहा कि एग्रीस्टेक ऐप के माध्यम से किसानों द्वारा स्वयं ही गिरदावरी की जा रही है. उन्होंने अधिकारियों को इस ऐप से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने निर्देश प्रदान किए. विभागीय अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि प्रदेश में पटवारियों द्वारा भी ऐप के माध्यम से ई-गिरदावरी की जा रही है. खरीफ वर्ष 2024 की 83.75 प्रतिशत गिरदावरी भी हो चुकी है.


बैठक में राजस्व मंत्री हेमन्त मीणा एवं राज्य मंत्री विजय सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार, अखिल अरोड़ा, मुख्यमंत्री के एसीएस शिखर अग्रवाल, सीएम के प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता, राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार, रेवेन्यू बोर्ड के अध्यक्ष हेमन्त गेरा समेत राजस्व विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.



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