Rajasthan Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं. राजनीतिक पार्टियों के साथ चुनाव आयोग भी एक्टिव मोड में आ गया है. चुनाव आयोग की ओर से जारी नए आदेशों और परिपत्रों के बारे में राजनैतिक दलों को जानकारी देने के उद्देश्य से सचिवालय जयपुर में निर्वाचन विभाग के साथ कार्यशाला आयोजित की गयी.


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-50 फीसदी से ज्यादा मतदान केन्द्रों पर होगी लाइव वेबकास्टिंग


-मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने दी जानकारी


-राजनैतिक दलों ने निर्वाचन विभाग के नवाचारों को जानने में दिखाया उत्साह


-राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ निर्वाचन विभाग की बैठक


-भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी नवीनतम आदेशों और परिपत्रों के बारे में समस्त राजनैतिक दलों को दी जानकारी


कार्यशाला में विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की ओर से जारी नए आदेशों और परिपत्रों की राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को जानकारी होना काफी महत्वपूर्ण है. गुप्ता ने निर्वाचन विभाग के नवाचारों का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार 50 फीसदी से ज्यादा मतदान केन्द्रों पर लाइव वेबकास्टिंग होनी है.


मतदान केन्द्रों पर लाइव वेबकास्टिंग


मतदाताओं को नाम जुड़वाने, संशोधन आदि के ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करने के साथ ही निर्वाचन से संबंधित जानकारियां एसएमएस के माध्यम से प्रदान की जा रही है. इस दौरान उन्होंने ई-ईपिक डाउनलोड करने की जानकारी भी दी और वोटर हेल्पलाइन एप का व्यापक प्रचार-प्रसार करने की अपील भी की.


मतदाताओं को मिलेगी सुविधा


गुप्ता ने कहा कि राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को चुनावी खर्चे, एमसीएमसी, पैड न्यूज, फेक न्यूज, निर्वाचक सूची तथा होम वोटिंग के साथ ही आईटी एप्स जैसे सुविधा एप, सी-विजिल एप, केवाईसी एप, वोटर हैल्प लाइन एप, सक्षम एप, आदर्श आचार संहिता, स्वीप और शिकायत निवारण पोर्टल से संबंधित विभिन्न नवाचारों के बारे में जानकारी होनी चाहिए.


गुप्ता ने कहा कि चुनाव से पहले बहुत से लोग ये जानना चाहते हैं कि उनका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं. ऐसे में बार कोड, क्यू आर कोड, नाम या पिता का नाम और वोटर क्रमांक के जरिए हम वोटर लिस्ट में नाम पता कर सकते हैं. राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को बताया कि निर्वाचक सूची में नाम जुड़वाने के लिए नामांकन के अंतिम दिन से 10 दिवस पहले तक आवेदन किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि आदर्श आचार संहिता और व्यय अऩुवीक्षण को लेकर सी-विजिल एप पर ऑनलाइन  शिकायत वीडियो, ऑडियो या फोटो के जरिए की जा सकती है.


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वहीं केवाईसी एप के जरिए उम्मीदवार की समस्त जानकारी जिसमें आपराधिक पृष्टभूमि ऑनलाइन ली जा सकती है. सुविधा एप के जरिए उम्मीदवार रैली, सभा, वाहन आदि की अऩुमति ले सकता है. कार्यशाला में मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के 38 प्रतिनिधियों ने भाग लिया.


राजनीतिक दलों के 38 प्रतिनिधियों ने लिया भाग 


इस दौरान निर्वाचन विभाग की ओर से विभिन्न प्रभारी अधिकारियों ने अलग-अलग विषयों पर प्रजेंटेशन दिए. जिसके तहत उऩ्होंने उम्मीदवार और राजनैतिक दलों के लिए निर्वाचन से संबंधित विभिन्न प्रक्रियाओँ से जुड़े विषयों पर राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के विभिन्न सवालों के जवाब भी दिए.