Rajasthan Forest Guard Paper Out: राजस्थान वनरक्षक सीधी भर्ती परीक्षा का शनिवार को हुई दूसरी पारी का पेपर रद्द होने के बाद अब एक जरूरी सवाल उठना शुरू हो गया है, जो लाजमी भी है, सवाल ये है कि आखिर राजस्थान में पेपर लीक करने वाले गिरोह के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं? जिससे वो सरकार और उम्मीदवारों की तमाम उम्मीदों में पानी फेरने में कामयाब हो रहे हैं. चूक कहां है, इनको ढील कहां से मिल रही है. क्योंकि राजस्थान में वनरक्षक भर्ती परीक्षा न सिर्फ उम्मीदवारों से जुड़ा मुद्दा है, बल्कि विपक्ष के लिए युवा और बेरोजगारों को अपने पक्ष में करने का भी एक बेहतर अवसर बन सकता है.


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2300  पदों पर आयोजित हो रही वनरक्षक सीधी भर्ती परीक्षा 2020 पर एक बार फिर से नकलचियों की नजर लग गई है, शनिवार को दूसरी पारी के पेपर से पहले सोशल मीडिया पर वायरल हाथ से लिख हुए आंसर Key से 62 सवालों के मिलान के बाद राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से शनिवार को दूसरी चरण में आयोजित परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया है. इसके साथ ही दूसरे चरण में शामिल अभ्यर्थियों की परीक्षा अब जनवरी 2023 में आयोजित करवाई जा सकती है.


गौरतलब है की वनरक्षक सीधी भर्ती परीक्षा 2020 का आयोजन प्रदेश के 30 जिलों में शनिवार ओर रविवार को दो-दो चरणों में किया गया है, लेकिन राजसमंद के रेलमगरा थाना क्षेत्र में दूसरी पारी के पेपर का फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था. 


इसके साथ ही इन सवालों के जवाब हाथ से लिखे हुए भी वायरल किए गए थे. इस मामले में पुलिस ने करौली निवासी दीपक शर्मा को हिरासत में लिया था. दीपक ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि लालसोट क्षेत्र के गांव अजयपुरा के हेमराज मीणा ने उसको यह पेपर दिया था. जिसके बाद मोबाइल लोकेशन को ट्रेस करते हुए लालसोट से हेमराज मीणा को भी हिरासत में लिया था.


हाथ से आंसर की लिखा हुआ जो पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ उसमें से 62 सवाल हूबहू परीक्षा में आने के बाद राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड भी हरकत में आया है, करीब 24 घंटों के मंथन और पेपर के तथ्यों की जानकारी लेते हुए बोर्ड ने शनिवार 12 नवम्बर को दूसरे चरण में आयोजित परीक्षा को रद्द करने का फैसला लेते हुए आदेश जारी किए.