Jaipur: प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के क्रियान्वयन की ऑल ओवर रैंकिंग में राजस्थान को देश का प्रथम राज्य घोषित किया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2022 तक सभी को घर उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी योजना में हासिल राज्य की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर प्रदेशवासियों पंचायतीराज संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों तथा योजना से जुड़े सभी कार्मिकों को बधाई दी है.


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उन्होंने आशा व्यक्त की है कि भविष्य में भी सभी लोग इसी भावना से काम करते हुये योजना के कार्यों को और गति प्रदान करेंगे. गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों आवासहीन एवं कच्चे आवासों में निवास कर रहे परिवारों को पक्के आवास निर्माण हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण संचालित की जा रही है.


केंद्र एवं राज्य सरकारों की भागीदारी से संचालित इस योजना में प्रथम फेज के दौरान वर्ष 2016-17 से 2017-18 में राजस्थान राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय स्थान पर रहा था. बीते दो वर्षों में राज्य सरकार के विशेष प्रयासों तथा सततः मॉनिटरिंग के परिणामस्वरूप राजस्थान ने इसमें और सुधार किया तथा अब राज्य गत चार वित्तीय वर्ष की अवधि के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर पहले स्थान आ गया है.


गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इस योजना की स्थाई वरीयता सूची में शामिल होने से वंचित पात्र परिवारों के चिन्हिकरण हेतु फरवरी-मार्च, 2019 में विशेष अभियान चलाया. इस अभियान के दौरान चिन्हित वंचित पात्र परिवारों की सूची भारत सरकार को प्रेषित की गई और योजना का लाभ देने के लिए समुचित प्रक्रियाओं को पूरा किया गया.


इसके परिणामस्वरूप सामाजिक-आर्थिक जनगणना 2011 के अनुसार, निर्धारित की गई राज्य की वरीयता सूची के सभी 13.36 लाख पात्र परिवारों को स्थाई पक्का आवास उपलब्ध कराने हेतु स्वीकृतियां जारी कर अब तक 11.41 लाख परिवारों के आवास पूर्ण करवाए जा चुके हैं.


केन्द्र सरकार ने वर्ष 2021-22 के लिए राजस्थान में कुल 3.97 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. योजना के तहत पात्र परिवारों को आवास के साथ-साथ एलपीजी कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, स्वच्छ पेयजल, श्रमिक कार्ड और अपना खेत अपना काम के अन्तर्गत भी लाभान्वित किया जाता है.