Jaipur: जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला की अध्यक्षता में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के तहत राजस्थान वाटर सप्लाई एवं सीवरेज मैनेजमेंट बोर्ड (RWSSMB) की नीति निर्धारण समिति (PPC) की 204वीं बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई.


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डॉ. कल्ला ने बैठक में प्रदेश में जल जीवन मिशन (JJM) के 8 हजार 741 गांवों में मेजर प्रोजेक्ट्स तथा मेजर प्रोजेक्ट्स के अलावा योजनाओं के तहत 22 लाख 95 हजार 70 हर घर नल कनेक्शन देने के 10 एजेंडा प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की. इन पर 15 हजार 843 करोड़ रुपए से अधिक की राशि व्यय की जाएगी.


मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत 13 हजार 859 करोड़ रुपए से अधिक 55 वृहद योजनाओं को स्वीकृति दी गई. इनमें 7 हजार 503 गांवों में 18 लाख 86 हजार 906 हर घर नल कनेक्शन दिए जाएंगे. इसी प्रकार विशेष प्रोजेक्ट्स के अलावा 180 सिंगल एवं मल्टी विलेज ग्रामीण पेयजल योजनाओं के प्रस्ताव मंजूर किए गए. इनमें 1238 गांवों में 4 लाख 8 हजार 164 घरों में नल कनेक्शन होंगे, जिन पर 2073 करोड़ रुपए से अधिक व्यय होंगे.


इस दौरान पीपीसी की गत बैठक में दिए गए निर्देर्शों की क्रियान्विति की स्थिति की भी विस्तृत समीक्षा की गई और अधिकारियों को विलंब से चल रहे कार्यों को त्वरित रुप से पूरा करने के निर्देश दिए गए ताकि लोगों को पेयजल योजनाओं को समय पर लाभ मिल सके.  


जलदाय मंत्री डॉ. कल्ला ने बैठक में कहा कि 'जल जीवन मिशन' के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर नल कनेक्शन के लक्ष्यों को वर्ष 2024 तक पूर्ण करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. अधिकारी जेजेएम के कार्यों को गंभीरता से लेते हुए ‘टीम भावना‘ से कार्य करें और निर्धारित टाइमलाइन का पालन करते हुए हर घर नल कनेक्शन के लक्ष्यों को पूरा करें.


उन्होंने कहा कि जो कार्य राज्य स्तरीय समिति द्वारा मंजूर किए जा चुके हैं, उनकी तकनीकी स्वीकृतियां, टेंडर और कार्यादेश समयबद्ध तरीके से जारी किए जाए. इसमें कोताही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी. उन्होंने सभी मुख्य अभियंताओं को अपने अधीन संचालित प्रोजेक्ट्स की प्रगति की सतत मॉनिटरिंग के निर्देश देते हुए कहा कि सभी परियोजनाओं के कार्यों में गुणवत्ता पर पूरा फोकस करें.


डॉ. कल्ला ने सभी अधिकारियों को आगामी डेढ़ महीने में तेज गर्मी के दौर में अतिरिक्त सर्तकता एवं सजगता के साथ शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में समुचित पेयजल प्रबंधन के निर्देश दिए. उन्होने कहा कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र के जिलों में नहरबंदी के शेष बचे दिनों में अधिकारी सुचारू पेयजल व्यवस्था पर बराबर नजर रखें तथा विभाग द्वारा स्वीकृत कंटीजेंसी राशि का पूरा सदुपयोग कर लोगों को समय पर राहत दे.


उन्होंने प्रदेश में विभाग के कुओं और अन्य जल स्रोतों पर वाटर रिचार्ज तथा जल संरक्षण एवं जल की बचत की दृष्टि से कार्य करने की आवश्यकता पर भी बल दिया. अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत राज्य स्तरीय समिति द्वारा मंजूर कार्यों की तकनीकी स्वीकृतियां और टेंडरिंग का काम समय पर पूरा करें.


उन्होंने अधिकारियों को सभी प्रोजेक्ट्स में वाटर रिजर्वेशन के पहलू का भी पूरा ध्यान रखने के निर्देश दिए. गौरतलब है कि जलदाय मंत्री की अध्यक्षता में गत 14 फरवरी को आयोजित पीपीसी की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि अब ये बैठक हर तीन माह में एक बार आयोजित की जाएगी.


उस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया था कि विभाग की आगे से होने वाली पीपीसी, राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति और वित्त समिति के बैठकों में एजेंडा ‘पेपरलैस‘ फार्म में रहेगा. उसी के अनुरूप इस बैठक में सदस्यों को पेपरलैस फॉर्म में एजेंडा दिया गया.