Jaipur News: अपने सपनों का घर खरीदने की चाहत भला किसकी नहीं होती. हर कोई चाहता है कि उसका घर ऐसा हो जिसमें वह अपने परिवार के साथ आनंद पूर्वक रह सके.वास्तु शास्त्र के अनुसार घर हमें न केवल रहने का स्थान प्रदान करता है. बल्कि उसके भीतर या उसके आसपास की ऊर्जा हमारे जीवन को प्रभावित करती है. इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि घर या फ्लैट खरीदने हेतु अच्छे स्थान का चयन करें. साथ ही उसकी आंतरिक व्यवस्था वास्तु के अनुरूप हो. आवासीय और व्यवसायिक निर्माण बनवाते समय वास्तु का काफी महत्व है.
 
ज्यादातर लोग कंस्ट्रक्शन में इसकी गाइडलाइन्स का ध्यान रखते हैं. प्राइवेट बिल्डर्स तो वास्तु शास्त्र के अनुसार निर्माण कर लेते हैं. लेकिन सरकारी एजेंसियों का उस और ध्यान कम रहता है. लेकिन अब राजस्थान आवासन मंडल ने आवासीय और व्यवसायिक निर्माण में वास्तु शास्त्र का ध्यान रखने की कार्य योजना बनाई है. इसी कड़ी में आवास भवन में वास्तु शास्त्र से जुड़ी राज्य स्तरीय वर्कशॉप का आयोजन हुआ. जिसमें इंडियन काउंसिल आफ एस्ट्रोलॉजिकल साइंसेज के प्रोफेसर, वास्तुविद और ज्योतिषाचार्य सतीश शर्मा सहित अन्य विशेषज्ञ मंडल के तकनीकी इंजीनियरों और अधिकारियों को वास्तु से संबंधित प्रशिक्षण दिया.


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हाउसिंग बोर्ड आयुक्त पवन अरोडा ने बताया की वास्तु शास्त्र के अनुसार आवासन मंडल के आवासीय और व्यवसायिक भवन बनेंगे. अरोडा ने कहा की जब हम नया भवन बनवाते हैं या नया भवन या फ्लैट खरीदते हैं. तो हमारी यही सोच रहती है कि वहां हमें और घर के दूसरे सदस्यों को कोई कष्ट न हो तथा जीवन सुचारु ढंग से चलता रहे. इसके लिए किचन, बाथरूम, शौचालय, स्टोर रूम, बालकनी, आंगन, स्टडी रूम आदि की बनावट और दिशा पर विशेष ध्यान दिया जाता है. किसी भी भवन में, चाहे वह आवासीय हो अथवा व्यावसायिक दिशाओं का ध्यान रखते हुए ही बाहरी और आंतरिक साज-सज्जा की जाती है और कोशिश की जाती हैं वहां वास्तु दोष न रहे. 


हाउसिंग बोर्ड ने सदैव आमजन की भावनाओं और बदलते समय और मांग का ख्याल रखते हुए भवनों का निर्माण किया है. आज के दौर में आमजन की प्राथमिकता वास्तु आधारित भवनों को खरीदने की रहती है. बड़े स्तर पर बनने वाले भवनों में अक्सर वास्तु शास्त्र के नियम लागू नहीं हो पाते. इसी के समाधान के लिए इस महत्वपूर्ण वर्कशॉप का आयोजन किया गया हैं. और कोशिश रहेगी की आमजन की डिमांड को देखते हुए वास्तु के अनुसार आवासों का निर्माण करवाया जाएगा. पंचतत्वों का संतुलन किसी भी मकान में सुख-समृद्धि लाने में बहुत अहम होता है. 


आदर्श तौर पर सभी पंचतत्व अपनी निर्धारित जगह पर होने चाहिए जैसे जल उत्तर या उत्तर-पूर्व में, अग्नि दक्षिण-पूर्व में, पृथ्वी तत्व से सम्बंधित चीजें दक्षिण-पश्चिम में और आकाश पश्चिम दिशा में. इनका सही दिशा में होना आपके जीवन में स्वास्थ्य, धन और आर्थिक स्थिरता को आकर्षित करता है.