Jaipur News: राजस्थान हाईकोर्ट ने गृह सचिव, जयपुर पुलिस कमिश्नर और डीसीपी दक्षिण सहित अन्य से पूछा है कि 12 अगस्त से लापता वकील की तलाश के लिए क्या किया गया है. इसके साथ ही अदालत ने सरकारी अधिवक्ता को कहा है कि वह प्रकरण में दर्ज गुमशुदगी का रिकॉर्ड अदालत में पेश करे. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश माला शर्मा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.


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याचिका में अधिवक्ता विजय दत्त शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के पति नरेन्द्र शर्मा गत 12 अगस्त को घर के पास स्थित मंदिर से लापता हो गए थे. काफी तलाश करने के बाद भी पति का पता नहीं चला. ऐसे में याचिकाकर्ता की ओर से 13 अगस्त को मुहाना थाने में गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई. एक सप्ताह बीतने के बाद भी अब तक पुलिस उसके पति को तलाशने ने कामयाब नहीं हो सकी है.


याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता के पति ने अपनी कृषि भूमि के अवैध बेचान को लेकर कुछ लोगों के खिलाफ अजमेर के अराई थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। ये आरोपी उसके पति को जान से मारने की धमकी दे रहे थे. ऐसे में उसे अंदेशा है कि आरोपियों ने उसके पति का अपहरण कर बंधक बना लिया है. पुलिस को इस तथ्य की जानकारी देने के बावजूद भी पुलिस प्रकरण में कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रही है.


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ऐसे में पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए जाए कि वह उसके पति को बरामद कर अदालत में पेश करें. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों व अन्य से जवाब मांगते हुए प्रकरण का रिकॉर्ड पेश करने को कहा है. गौरतलब है कि प्रकरण में दी बार एसोसिएशन, जयपुर की ओर से भी पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजकर लापता वकील की तलाश करने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने मांग की है.