Jaipur News : राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकारी विभागों में पैनल लायर्स के चयन और नियुक्ति के लिए कोई स्टैडर्ड पॉलिसी नहीं होने से जुड़े मामले में केन्द्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में केन्द्र के एएसजी और राज्य के एजी को नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर जवाब देने के लिए कहा है.


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अदालत ने प्रमुख विधि सचिव की ओर से एएजी को सभी केसों में पैरवी करने के लिए उपस्थित होने के संबंध में जारी किए 16 नवंबर 2022 के परिपत्र को भी गंभीर मानते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है. जस्टिस समीर जैन ने ये आदेश प्रकरण में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए दिए.


अदालत ने कहा कि प्रकरण को हाईकोर्ट बार अध्यक्ष महेन्द्र शांडिल्य के नाम जनहित याचिका के तौर पर सूचीबद्ध किया जाए. वहीं अदालत ने मामले में सहयोग के लिए शशांक अग्रवाल को न्यायमित्र नियुक्त किया है. अदालत ने प्रकरण को संबंधित खंडपीठ में सूचीबद्ध करने के लिए मुख्य न्यायाधीश के समक्ष भेजा है.


अदालत ने रोडवेज के पूर्व परिचालक के पेंशन परिलाभ से जुडे मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि आरएसआरटीसी ने ये स्वीकारा है कि उनकी पैनल लॉयर नियुक्ति की कोई तय पॉलिसी नहीं है, लेकिन ऐसा होना त्वरित न्याय और निष्पक्षता को भी बाधित करता है. 


राज्य सरकार को भी केसों में प्रभावी पैरवी करवानी चाहिए ताकि जल्द फैसले हो सके. ऐसे में इस मुद्दे को जनहित का मानते हुए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया जाना सही होगा. इसके अलावा अदालत ने राज्य के प्रमुख विधि सचिव की ओर से एएजी के लिए जारी किए गए परिपत्र को भी गंभीर माना.


प्रमुख विधि सचिव ने 16 नवंबर को परिपत्र जारी कर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में सरकार की पैरवी करने वाले एएजी को कहा था कि वे उन्हें आवंटित केसों में पैरवी के लिए अपने सहायक को भेजने के बजाए खुद पैरवी करें.


रिपोर्टर- महेश पारीक