Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने कोविड के दौरान कोरोना संक्रमित होकर मरे पीएचईडी के अधिशाषी अभियंता के आश्रितों को राज्य सरकार की ओर से निर्धारित पचास लाख रुपए की क्षतिपूर्ति नहीं देने पर मुख्य सचिव, प्रमुख पीएचईडी सचिव और झुंझुनूं कलेक्टर सहित अन्य से जवाब मांगा है.जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश अनीता देवी की याचिका पर दिए.


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याचिकाकर्ता का पति ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित हो गया था
याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का पति जयचंद झुंझुनूं में पीएचईडी विभाग में अधिशासी अधिकारी के तौर पर तैनात था. ड्यूटी के दौरान वह कोरोना संक्रमित हो गया और बाद में इलाज के दौरान उसकी संक्रमण के चलते मौत हो गई. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार की ओर से आदेश जारी किए गए थे कि कोरोना संक्रमण से मरने वाले सरकारी कर्मचारी के आश्रितों को पचास लाख रुपए की क्षतिपूर्ति राशि अदा की जाएगी.


यह कहकर कर दिया था खारिज 
इस पर याचिकाकर्ता की ओर से क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन किया. जिसे विभाग ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि याचिकाकर्ता के पति की ड्यूटी कोविड रोकथाम के लिए नहीं लगी थी. ऐसे में उसे क्षतिपूर्ति राशि नहीं दी जा सकती. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने क्षतिपूर्ति राशि जारी करने को लेकर किसी तरह का भेदभाव नहीं किया है. सरकारी कर्मचारी की कोरोना से संक्रमित होकर मौत होने पर उसके आश्रितों को क्षतिपूर्ति राशि देने का प्रावधान किया गया था.


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याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने 22 मार्च 2020 का आदेश जारी कर पीएचईडी विभाग को आवश्यक सेवाओं में माना था. इसके अलावा लॉकडाउन में भी याचिकाकर्ता के पति ने सेवाएं दी थी. वहीं ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने के बाद उसकी मौत हो गई थी. ऐसे में विभाग की ओर से याचिकाकर्ता के क्षतिपूर्ति आवेदन को रद्द करना गलत है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.


Reporter- Mahesh Pareek