Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल प्रिंसिपल के खाली चल रहें पदों में से बीस फीसदी पदों को पदोन्नति के जरिए भरने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने शिक्षा सचिव और कार्मिक सचिव सहित माध्यमिक शिक्षा निदेशक से जवाब मांगा है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश देवेन्द्र कुमार शर्मा व अन्य की याचिका पर दिए हैं. अदालत ने कहा कि राज्य सरकार मामले में जवाब पेश करने के बाद इस आदेश को संशोधित कराने के लिए प्रार्थना पत्र पेश कर सकती है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह भी पढे़ं- दूदू: खेल मैदान पर अतिक्रमण को लेकर छात्र-छात्राओं ने किया धरना-प्रदर्शन


याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल प्रिंसिपल के खाली चल रहें सौ फीसदी पदों को डीपीसी कर पदोन्नति के जरिए व्याख्याताओं से भर रही है, जबकि 25 मार्च 2015 के परिपत्र के तहत प्रिंसिपल के खाली पदों में से 67 फीसदी पद ही व्याख्याताओं से भरने का प्रावधान था, शेष 33 फीसदी पद हेडमास्टर से भरे जाने थे. वहीं राज्य सरकार ने 3 अगस्त 2021 को नए नियम लागू कर अस्सी फीसदी पद स्कूल व्याख्याता और बीस फीसदी पद हेडमास्टर से भरने जाने का प्रावधान किया है.


याचिका में कहा गया कि शिक्षा विभाग की ओर से वर्ष 2021 से पूर्व के प्रिंसिपल पदों को पदोन्नति के जरिए भरा जा रहा है. ऐसे में विभाग को मार्च 2015 के नियमों के तहत 33 फीसदी पद हैडमास्टर के जरिए भरने थे, लेकिन विभाग इस परिपत्र की अनदेखी कर सभी सौ फीसदी पदों को व्याख्याताओं से भर रही है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने पदोन्नति के जरिए बीस फीसदी पदों को भरने से रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है. 


Reporter - Mahesh Pareek


 


जयपुर की खबरों के लिए क्लिक करें


यह भी पढ़ें-  Chanakya Niti: इन हरकतों की वजह से जल्दी बूढ़े हो जाते हैं पुरुष, न करें ये काम तो रहेंगे जवान


यह भी पढ़ें- बसे-बसाए घर को तहस-नहस कर देती हैं इस तरह की महिलाएं, जानें आपके घर में लक्ष्मी या....


यह भी पढ़ें- Chanakya Niti: सांप से ज्यादा जहरीले होते हैं जिंदगी में ये 3 लोग, बिना जहर उगले ही लेते हैं डस


यह भी पढे़ं- भाभियों और शादीशुदा महिलाओं की ये बातें लड़कों को करती हैं अट्रैक्ट, खुद किया खुलासा