Rajasthan: जयपुर-आगरा हाईवे आरक्षण की मांग को लेकर जाम, रोजाना करीब 300 करोड़ के कारोबार प्रभावित
आरक्षण की मांग के चलते जयपुर-आगरा जाम होने से ट्रांसपोर्टस कारोबारियों और पर्यटन उधोग से जुडे़ सभी कारोबार प्रभावित हो रहे है. ट्रांसपोर्टस और पर्यटन उधोग से जुडे़ लोगों की मानें तो रोजाना करीब 300 करोड़ के कारोबार प्रभावित हो रहे हैं,क्योंकि बडे़ ट्रक गांवों के रास्ते से नहीं निकलने से पिछले 7 दिन खड़ी है.
Jaipur News: आगरा हाईवे मार्ग पर आरक्षण को लेकर पिछले 7 दिन से जाम के हालात बने हुए है, जिससे ट्रांसपोटर्स पर इस जाम को लेकर कारोबार पर काफी प्रभाव पड़ रहा है. पिछले 7 दिन से ट्रक सामान लेकर समय पर नहीं पहुंचा रहे है. इस आरक्षण के कारण हाईवे जाम होने के कारण पर्यटकों का आवागम भी थम सा गया है. ऐसे में पर्यटन उधोग पर भी काफी प्रभाव देखा जा रहा है,क्योंकि पर्यटक दिल्ली-आगरा-जयपुर गोल्डन ट्रायंगल पर पर्यटक भ्रमण पर आते है.
ऐसे में ट्रांसपोर्टस कारोबारियों और पर्यटन उधोग से जुडे़ सभी कारोबार प्रभावित हो रहे है. ट्रांसपोर्टस और पर्यटन उधोग से जुडे़ लोगों की मानें तो रोजाना करीब 300 करोड़ के कारोबार प्रभावित हो रहे हैं,क्योंकि बडे़ ट्रक गांवों के रास्ते से नहीं निकलने से पिछले 7 दिन खड़ी है.
खाने-पीने और कच्चे माल कारोबार पर प्रभाव
जयपुर ट्रांसपोर्ट आपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश जैन ने बताया कि जयपुर-आगरा हाईवे आरक्षण की मांग को लेकर पिछले 7 दिन से जाम पड़ा हुआ है. ऐसे में हाईवे जाम होने के कारण ट्रकों को गांवों के कच्चे रास्ते से निकाला जा रहा है. गांवों के रास्ते छोटे, कम चौडे़ होने से दुर्घटनाएं होने का डर सताता रहता है. गांवों का लंबा रास्ते से निकलने से जयपुर-भरतपुर आवागन 130 किलोमीटर का लंबा मार्ग पड़ रहा है. ऐसे में ट्रकों में डीजल की खपत भी ज्यादा हो रही और व्यापारियों के पास माल भी समय पर नहीं पहुंच रहा है. ऐसे में ट्रांसपोर्टस और व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा है.
जयपुर परचून ट्रांसपोर्ट यूनियन के अध्यक्ष रामअवतार मोर ने बताया कि जयपुर-आगरा हाईवे जाम होने के कारण ट्रकों को गांवों के रास्ते से निकालने पर माल भी कम अपलोड कराना पड़ रहा है. गांवों के रास्ते में बिजली के तार नीचे होने और मकानों के छज्जे होने से कम माल भेजा जा रहा है. ऐसे में जयपुर से यूपी जाने वाला माल अन्य दिनों की तुलना में महंगा पड़ रहा है तो यूपी का व्यापारी जयपुर से माल नहीं लेकर यूपी के अन्य पड़ोसी राज्यों से माल खरीद करेगा तो राज्य सरकार को भी टैक्स का नुकसान होगा.
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जयपुर से यूपी रोजाना करीब 8 से 10 हजार मालगाड़िया जाती है. जिससे राज्य सरकार को भी करोड़ों का टैक्स मिलता है ऐसे हालातों में माल नहीं जाएगा तो सरकार को भी राजस्व का नुकसान होगा. हमारी मांग है कि सरकार को इस मुद्दे पर वार्ता कर हाईवे मार्ग को सुचारू करवाए ताकि कारोबार सुचारू रूप से संचालित हो सके.
पर्यटन उधोग पर प्रभाव
दिल्ली-आगरा- जयपुर गोल्डन ट्रायंगल पर पर्यटन भ्रमण पर आता है. आरक्षण की मांग के चलते जयपुर-आगरा जाम होने से पर्यटकों को भी परेशानी बढी है तो वहीं पर्यटन उधोग भी प्रभावित हो रहा है. अन्य दिनों की तुलना में राजधानी जयपुर में पर्यटकों की संख्या में कमी देखी जा रही है,तो वहीं पर्यटन उधोग पर भी करोड़ों का कारोबार प्रभावित हो रहा है.