Rajasthan news: राजस्थान में लगातार ठंड का पारा बढ़ता जा रहा है. ऐसे लोग खुद को इससे बचाने के लिए ऊनी कपड़ों का सहारा ले रहे हैं, लेकिन अब बढ़ती सर्दी का एहसास इंसान को ही नहीं, भगवान को भी होने लगा है. इसी आस्था भाव से छोटीकाशी के मंदिरों में भगवान को सर्दी से बचाने के लिए जतन किए जा रहे हैं. ऐसे में मंदिरों में भगवान के खानपान से लेकर उनके पहनावे में बदलाव किया गया है. 


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ठंड से बचाने के लिए किए जा रहे कई जतन
दरअसल, मोती डूंगरी गणेश मंदिर में भगवान श्री गणेश जी को मखमल का कोट धारण करवाया गया है. इसके साथ ही भगवान को गर्म तासीर के व्यंजनों का भोग लगाया जा रहा है. मोती डूंगरी गणेश मंदिर महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि भगवान को सर्दी न लगे इसके लिए न सिर्फ भगवान को गर्म कपड़े पहनाए जा रहे हैं, बल्कि गर्भगृह में अलाव भी जलाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि भगवान के भोग में बाजरे की खिचड़ी, बाजरे का चूरमा, मूंग की खिचड़ी, दाल के पकौडे, हलवा आदि चढ़ाया जा रहा है.


नित्य सेवा और भोग में भी बदलाव 
गोविंददेवजी मंदिर में भी ठाकुर जी को ठंड से बचाने के लिए कुछ इसी तरह के जतन किए जा रहे हैं. उनकी नित्य सेवा और भोग में बदलाव किया गया है. भगवान के श्रृंगार, भोग से लेकर आरती और शयन तक की दिनचर्या में पूरी तरह से बदल गई है. भगवान को गर्म पानी से स्नान करवाया जा रहा है. साथ ही उनके लिए  रजाई और सिगड़ी अलाव की व्यवस्था की गई है. शयन झांकी में मखमली रुई से तैयार विशेष पोशाक धारण करवाया जा रहा है. पंचामृत अभिषेक के बाद जामा पोशाक धारण करवाया जा रहा है. इसी प्रकार भोग के व्यंजनों में भी गर्म तासीर वाले भोज्य पदार्थ शामिल किए जा रहे है. 


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