Jal Jeevan Mission - राजस्थान के जल जीवन मिशन की धीमी चाल चलने की वजह से अब केंद्र सरकार ने इस मिशन को सक्सेज करने के लिए दो साल की समय सीमा और बढ़ा दी है. वैसे तो ये मिशन इसी मार्च तक पूरा करना था, लेकिन लक्ष्य को 50 प्रतिशत भी पूरा नहीं करने पर केंद्र ने वित्तीय वर्ष 2025-26 तक समय इसी समय सीमा और बढ़ा दी है.


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समय खत्म इसलिए बढ़ाई समय सीमा


राजस्थान के हर घर तक पानी पहुंचाने का सपना तय समय पर पूरा नहीं हो पाया.इसकी सबसे बड़ी वजह भ्रष्टाचार और घोटाले थे.इंजीनियर्स और ठेकेदारों की मिलीभगत के चलते भुगतना तो पूरा हुआ,लेकिन ग्राउंड जीरो पर काम नहीं हो पाया. 


इसी वजह से अब तक 1 करोड 6 लाख परिवारों में से सिर्फ 46 प्रतिशत आबादी तक ही पीने का पानी नल के जरिए घर तक पहुंच पाया,जबकि केंद्र सरकार के लक्ष्यों के मुताबिक 5 साल बाद इसी मार्च में ये टारगेट पूरा होना था. लेकिन अब तक सिर्फ 50,07,473 कनेक्शन ही हो पाए.घोटाले और भ्रष्टाचार की भेंट चढने के बाद रफ्तार धीमी रही,जिसके बाद अब केंद्र सरकार ने इस मिशन के लिए दो साल का समय और बढा दिया,ताकि हर घर तक नल से पीने का पानी पहुंच सके.


2019 से अब तक किस साल कितने कनेक्शन-
नंबर साल             कनेक्शन
1. 2019-20            1,02,169
2. 2020-21            6,80,883


3. 2021-22            5,38,030
4. 2022-23            14,13,000


5. 2023-24 1132363


सक्सेज नहीं होने की सबसे बड़ी वजह-
राजस्थान में जल जीवन मिशन को सक्सेज नहीं होने की सबसे बड़ी वजह गडबडी और घोटाले ही थे.पदमचंद जैन,महेश मित्तल और शिवरतन अग्रवाल के 2100 करोड के भ्रष्टाचार के कारण ये मिशन जीवंत ही नहीं हो पाया.ईडी ने दोनों ही फर्मों और तीन चीफ इंजीनियर आरके मीणा,केडी गुप्ता और दिनेश गोयल के ठिकानों पर छापे मारे.अभी ये सभी इंजीनियर्स और फर्मे ईडी के शिकंजे में है.दूसरी तरफ इंजीनियर्स के कमिश्न पर ज्यादा ध्यान था और काम पर कम.जिस कारण ये मिशन समय पर सक्सेज नहीं हो पाया.


वहीं श्री श्याम ट्यूबवेल,गणपति ट्यूबवेल फर्म,मैसर्स विष्णु प्रकाश आर पु्ंगलिया,जीए इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड,मैसर्स भूरत्थनम कंस्ट्रक्शन हैदराबाद एसीबी के शिकंजे में है.इन फर्मों की लापरवाही के कारण जेजेएम दिनों दिन पिछडता चला गया और आज देश में राजस्थान 33 वे पायदान पर है.