Rajasthan काला जेठड़ी और अनुराधा चौधरी की शादी को लगा ग्रहण! इस वजह से बाराती भी नहीं बना पाएंगे खुशियां
Rajasthan lady Don Anuradha Choudhary: लॉरेंस बिश्नोई गैंग का मुख्य सरगना गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी को शादी करने के लिए पैरोल मिल चुकी है. शादी से पहले दुल्हन मैडम मिंज ने बताया है कि परिवारों में शादी की तैयारियां जोरों पर है.
Rajasthan lady Don Anuradha Choudhary: लॉरेंस बिश्नोई गैंग का मुख्य सरगना गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी को शादी करने के लिए पैरोल मिल चुकी है. सहरा पहनने के लिए वह पूरी तरह से तैयार है. फिर भी काला जठेड़ी की दुल्हनियां गैंगस्टर अनुराधा चौधरी उर्फ मैडम मिंज काफी परेशान है. उनकी परेशानी के साथ साथ दिल्ली पुलिस की नींद भी हराम हो रखी है. क्योंकि जहां इन दोनों के परिवार इस शादी के लिए जोर शोर से तैयारी कर रहा है.
शादी से पहले दुल्हन मैडम मिंज ने बताया है कि परिवारों में शादी की तैयारियां जोरों पर है. पहले शादी काफी रौनक के साथ होनी लेकिन अब बेहद सादगी से होगी. क्योंकि 2 मार्च को संदीप उर्फ काला जठेड़ी के चाचा का देहांत हो गया था जिसके कारण अब शादी साधारण तरीके से होगी. कुछ रस्में भी कम होगी इसी बाराती भी ज्यादा नहीं होंगे.
बता दें कि अब से 2 दिन बाद यानी 12 मार्च को काला जठेड़ी और उसकी दुल्हनिया अनुराधा चौधरी दिल्ली में होगी. जिसके लिए काला जेठड़ी को 6 घंटे की कोर्ट से पैरोल मिली है. सोशल मीडिया पर छपे कार्ड के आधार पर 11 मार्च को दुल्हन रिवॉल्वर रानी की मेहंदी है. वहीं ग्रह प्रवेश 14 मार्च को रखा गया है.
कैसे शुरू हुई थी दोनों की प्रेम कहानी
मिली जानकारी के अनुराधा पर राजस्थान पुलिस ने 10000 रुपये का इनाम रखा था, जबकि संदीप की गिरफ्तारी पर 7 लाख रुपये का इनाम रखा गया था. बताया जा रहा है कि 2020 में दोनों की प्रेम कहानी मध्य प्रदेश के इंदौर में शुरू हुई. जब अनुराधा की मुलाकात वहां उनके एक पार्टनर विक्की सिंह, जो आनंदपाल का भाई भी है , उसके जरिए संदीप से बात हुई.
संदीप के मुताबिक, उसने अनुराधा से एक मंदिर में शादी की और कुछ महीनों तक इंदौर में किराए के मकान में रहा. पुलिस ने कहा कि मार्च 2021 में दोनों बिहार गए और कुछ महीनों तक वहां रहे. जून में, वह बिहार से चले गए और उत्तर प्रदेश के लखनऊ चले गए. इसके बाद वह महाराष्ट्र के शिरडी गए और यूपी के मथुरा भी गए. दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने से पहले उन्होंने अंततः कुछ दिन उत्तराखंड, हरिद्वार में बिताए, जैसा कि अनुराधा के दस्तावेज में उल्लेख किया गया है.