राजस्थान की जमीन उगल रही सोना, 252 खनिज प्लॉटों की नीलामी से 5350 करोड़ की वसूली
राजस्थान में खनिज क्षेत्र में जमीन सोना उगल रही है. प्रदेश में इस साल फरवरी तक 702 हैक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल के 252 अप्रधान खनिज प्लाटों की सफल नीलामी कर नया रिकॉर्ड बनाया गया. खनिज प्लॉटों की नीलामी से रिकॉर्ड 5350 करोड़ की वसूली हुई है.
Jaipur: राजस्थान में खनिज क्षेत्र में जमीन सोना उगल रही है. प्रदेश में इस साल फरवरी तक 702 हैक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल के 252 अप्रधान खनिज प्लाटों की सफल नीलामी कर नया रिकॉर्ड बनाया गया. खनिज प्लॉटों की नीलामी से रिकॉर्ड 5350 करोड़ की वसूली हुई है. मार्च में भी नीलामी जारी है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने गुरुवार काे सचिवालय में वीसी के जरिए माइंस विभाग के अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान अग्रवाल ने अधिकारियों को नीलामी के लिए खनिज क्षेत्र के चिन्हीकरण, डेलीनियेशन कर प्लॉट तैयार करने के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए. अग्रवाल ने कहा कि खनन क्षेत्रोें की नीलामी से जहां आय में बढ़ोतरी होगी वहीं वैध खनन को बढ़ावा, रोजगार के अधिक अवसर और अवैध खनन पर प्रभावी रोक लगेगी.
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पिछले साल की तुलना में 6 हजार करोड़ अधिक
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में माइंस विभाग द्वारा 4960 करोड़ रुपए का राजस्व वसूला गया था, जिसकी तुलना में 28 फरवरी तक ही प्रदेश में 5350 करोड़ रुपए से अधिक की आय अर्जित की जा चुकी है. मार्च में वसूली में और अधिक तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि प्रदेश में माइंस क्षेत्र से अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त किया जा सके.
टारगेट से ज्यादा वसूली पर प्रशंसा
एसीएस माइंस अग्रवाल ने लक्ष्य के विरुद्ध बेहतर वसूली प्रयासों के लिए प्रशंसा की. भरतपुर एसएमई, एएमई रुपवास, जोधपुर से एसएमई एमई, भीलवाड़ा की सराहना की. एसीएस डॉ. अग्रवाल ने वीसी के दौरान बजट घोषणाओं, जनघोषणा, मुख्यमंत्री और खान मंत्री के निर्देशों और संपर्क पोर्टल के व्रकरणों की प्रगति समीक्षा भी की. निदेशक माइंस केबी पण्डया ने बताया कि विभाग द्वारा राजस्व संग्रहण के साथ ही डीएमएफटी फण्ड में 1087 करोड़, आरएसएमईटी फंड में 39 करोड़ से अधिक और एनएमईटी फण्ड में 66 करोड़ रुपए से अधिक की आय हुई है. उन्होंने बताया कि परस्पर सहयोग, समन्वय व मोनेटरिंग से इस साल नीलामी और राजस्व संग्रहण में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की जा रही है.