Rajasthan News: राजस्थान में धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून बनने जा रहा है, जिसमें लिव-इन-रिलेशनशिप को लेकर भी नियम बनाए जा सकते हैं. राजस्थान सरकार भी उत्तराखंड की तरह धर्मांतरण विरोधी कानून में सख्त नियम बनने की तैयारी में है, जिसमें पुराने बिल के भी नियम शामिल किए जाएंगे. 


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साथ ही, लिव इन में रहने वालों को रजिस्ट्रेशन करवानी जरूरी नियम बनाया जा सकता है, इसमें लिव इन में रहने वाले जोड़ों को अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. 



राजस्थान हाई कोर्ट ने लगभग 3 साल पहले लिव-इन-रिलेशनशिप को लेकर एक मामले की सुनवाई की थी और इस पर फैसला सुनाया था.  इस फैसल के अनुसार, एक शादीशुदा और अविवाहित लिव-इन-रिलेशनशिप में नहीं रह सकते हैं. उनका यह रिश्ता कानूनी तौर पर मान्य नहीं होता और ऐसे कपल को किसी प्रकार की सुरक्षा भी नहीं मिल सकती है. 



इसके बाद 29 साल की एक अविवाहित युवती और 31 साल के शादीशुदा युवक ने कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें उन्होंने लिव-इन में रहते हुए खुद को परिवार से खतरा बताते हुए कानूनी सुरक्षा की मांगी थी. इस मामले पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस पंकज भंडारी ने याचिका खारिज की थी. 


 
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक का हवाला देते हुए लिव-इन-रिलेशनशिप पर कहा था कि ऐसे कपल को पति-पत्नि की तरह रहना चाहिए.  अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि इसके लिए दोनों की उम्र शादी लायक होनी चाहिए. 



अगर दो लोग एक साथ पति पत्नी के तरह साथ रह रहे हैं और उनकी शादी नहीं हुई है, तो उनका रिश्ता 'लिव इन रिलेशनशिप' कहलाता है. इसको लेकर पूरे देश में कानून है. भारतीय कानून में लिव-इन-रिलेशनशिप को कोई अपराध नहीं माना जाता है.