Rajasthan Lok Sabha Election 2024: भरपूर तैयारियों के साथ शुरू हुआ लोकतंत्र का पर्व पूरा हो गया. प्रदेश में दो चरणों में 25 लोकसभा सीटों पर 61.53 फीसदी मतदाताओं ने वोट डालकर अपना लोकतंत्र में फर्ज निभाया. राजनीति से जुड़े लोगों से लेकर आम नागरिकों तक सभी मतदान प्रतिशत को लेकर गणित बैठाने लगे हैं. अब इंतजार है तो बस परिणाम आने का. इसके लिए करीब सवा महीने का इंतजार करना होगा. राजस्थान के दोनों चरण पूरे हो चुके हैं लेकिन देश में अन्य राज्यों में मतदान की प्रक्रिया होनी बाकी है. देशभर में चुनावी चरण पूरे होने के बाद मतगणना होगी तब तक राजस्थान की 25 सीटों पर भाग्य आजमाने वाले 266 प्रत्याशियों का भाग्य इवीएम में कैद रहेगी. 


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दूसरे चरण का मतदान पूरा होने के साथ ही शुक्रवार को प्रदेश में लोकतंत्र का महापर्व सम्पन्न हो गया. इसके साथ ही दूसरे चरण के 152 प्रत्याशियों सहित प्रदेश के सभी 266 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद हो गया. पहले चरण में मतदान कम होने के बाद राजनीतिक दलों और निर्वाचन मशीनरी ने मतदाताओं का जोश बढ़ाने के प्रयास किए. इसके बाद दूसरे चरण के मतदान में कुछ जगह मतदाताओं ने दम दिखाया और बाड़मेर में सबसे अधिक 75 फीसदी, बांसवाड़ा में मतदान 73 % और कोटा में 71 फीसदी पार कर गया. 


बाड़मेर, बांसवाड़ा और कोटा में वोटों की बरसात से पिछले 2019 चुनाव का रिकॉर्ड टूट गया बाकी जगह प्रत्याशियों के मतदान बढ़ाने के प्रयास हार गए. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि सभी 25 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 62.10 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. ईवीएम के माध्यम से 61.53 प्रतिशत और पोस्टल बैलेट के माध्यम से 0.57 प्रतिशत मतदान हुआ है. 25 सीटों पर हुई वोटिंग के आंकड़ों पर नजर डाले तो साल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों की तुलना में 4.81 फीसदी इस बार कम हुई है. साल 2019 में 66.34 फीसदी हुई जबकि इस बार वोटिंग प्रतिशत 61.53 फीसदी ही हो सकी. 


राजस्थान में ऑवरओल वोटिंग 61.53 फीसदी रही.  यहां कुल 5 करोड़ 33 लाख 67,103 वोटर्स हैं, जिसमें 3 करोड़ 28 लाख 35,337 वोट डाले. इसमें 62.27 पुरुष और जबकि 60.72 महिला वोटर्स हैं, जिन्होंने वोट डाला है. इस बार के चुनावों में 25 में से 8 लोकसभा सीटें ऐसी रही जहां पुरुषों से ज्यादा महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत रहा है. इसमें बांसवाड़ा में सबसे ज्यादा महिलाओं ने वोट किए जबकि बाड़मेर ऐसी सीट है जहां पुरुषों ने सबसे ज्यादा वोट किए है. 


राज्य में जिन 8 सीटों पर महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत पुरुषों की तुलना में ज्यादा रहा उसमें चूरू, झुंझुनूं, सीकर के अलावा पाली, जालौर, उदयपुर, राजसमंद और बांसवाड़ा सीट शामिल हैं. उदयपुर सीट पर कुल 11 लाख 33,207 पुरुष वोटर है जबकि 10 लाख 97,745 महिलाएं वोटर्स. इनमें से 7 लाख 40,701 पुरुष वोटर्स ने जबकि 7 लाख 46,561 महिलाओं ने वोटिंग की. इसी तरह बांसवाड़ा सीट पर 11 लाख 10,876 पुरुष और 10 लाख 89,540 महिला वोटर्स है, जिनमें से 8 लाख 377 पुरुष वोटर्स ने और 8 लाख 25,345 महिला वोटर्स ने वोट डाले. 


25 लोकसभा सीट पर इस वर्ष बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र में सर्वाधिक और करौली-धौलपुर लोकसभा क्षेत्र में सबसे कम मतदान हुआ है. वहीं, 25 लोकसभा सीट में समाहित सभी 200 विधानसभा सीटों के वोटिंग प्रतिशत के आंकड़ों पर नजर डाले तो सबसे ज्यादा मतदान बाड़मेर लोकसभा सीट के बायूत विधानसभा क्षेत्र में हुए हैं. यहां वोटिंग प्रतिशत 82.15 फीसदी रहा. वहीं, सबसे कम वोटिंग बीकानेर लोकसभा सीट में आ रहे नोखा विधानसभा क्षेत्र में हुई, जहां कुल वोटिंग 40.21 फीसदी रही. 


बहरहाल, तापमान भौहें तो यों तान रहा था, जैसे डरा ही देगा लेकिन लोकतंत्र के सिपाही हर घर से निकले और महायज्ञ की पवित्र वेदी यानी मतदान केन्द्र तक पहुंचे. बुजुर्ग हों या युवा, महिलाएं हों या पुरुष, भीषण गर्मी के बावजूद वोट डाला. लंबी कतारों के बीच भी ललाट पर परेशानी की लकीरें नहीं बल्कि वोट डालने की बेकरारी नजर आई. चैन मानो तब ही मिला, जब लोकतंत्र की बेहतरी का फर्ज निभाने की स्याही का रंग अंगुली पर सजा. युवक हों या युवतियां, उत्साह से मतदान केन्द्रों के भीतर गए, मुस्कुराते, पहली बार मतदान करने का उत्साह उनमें देखते ही बन रहा था. पवित्र स्याही से सजी अंगुली दिखाते हुए लौटे. 


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